देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने इस हफ्ते चीन के साथ रिश्तों को लेकर इशारों-इशारों में नेपाल को सलाह दी थी। उन्होंने नेपाल को नसीहत दी कि वह अंतरराष्ट्रीय मामलों में वह स्वतंत्र तौर पर कार्य कर सकता है। नेपाल को श्रीलंका और उन अन्य देशों से सीख लेनी चाहिए।
सीडीएस बिपिन रावत ने चीन के वित्तीय संस्थानों को लेकर इशारा किया गया, जो चुपचाप तरीके से विकसित देशों को अरबों में कर्ज मुहैया कराते हैं और जिनका रणनीतिक लाभ उठाने में इस्तेमाल किया जाता है। नेपाल थिंक टैंक की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान जनरल बिपिन रावत ने दिल्ली और काठमांडू के बीच गहरे और व्यापक संबंधों को उजागर किया।
हालांकि इसके बाद जनरल बिपिन रावत ने नेपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि नेपाल अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के आधार पर चीन समेत दूसरे देशों के लिए खुल रहा है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि नेपाल अंतरराष्ट्रीय मामलों में स्वतंत्र तौर पर कार्य कर सकता है लेकिन नेपाल को सतर्क रहना चाहिए और श्रीलंका और दूसरे देशों से सीखना चाहिए जिन्होंने इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ भी समझौते किए हैं।
श्रीलंका ने चीनी कंपनियों से लिए कर्ज को ना चुका पाने की जद्दोजहद में हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर चीन को सौंप दिया था। हालांकि श्रीलंका अकेला ऐसा देश नहीं है, चीन ने दक्षिण एशियाई देशों को 31 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया हुआ है, जिसमें पाकिस्तान, मालद्वीप, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल शामिल हैं।
दक्षिण एशिया में पाकिस्तान और बांग्लादेश ने चीन से सबसे ज्यादा कर्ज लिया हुआ है। बांग्लादेश ने चीन से 4.7 बिलियन डॉलर तक का कर्ज लिया हुआ तो वहीं पाकिस्तान ने 22 बिलियन डॉलर का अनुमानित कर्ज लिया हुआ है। ऐसा अनुमान है कि 2022-23 तक मालद्वीप को चीन का कर्ज चुकाने में दिक्कत हो सकती है क्योंकि टूरिज्म रेवेन्यू में गिरावट की वजह से मालद्वीप की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है।