कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाने के बाद 14 दिन तक व्यक्ति को आइसोलेट रहना पड़ता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि इन 14 दिन डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझावों को ढंग से फॉलो किया जाए तो व्यक्ति की कोरोना वायरस रिपोर्ट नेगेटिव आ सकती है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को लेकर एक नया खुलासा किया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना संक्रमित होने के बाद व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस के कुछ अंश तीन महीने तक सक्रिय रह सकते हैं. आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के बारे में-
कोराना वायरस का जीवन चक्र–
myUpchar के अनुसार, कोरोना एक विषाणु जनित रोग है. विषाणु एक बिना कोशिका का सूक्ष्मजीव है, जो नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से बनता है. इसकी सबसे खास बात है कि ये अपना जीवन चक्र खुद नहीं चला सकता. इसके लिए उसे किसी जीवित कोशिका की जरूरत होती है, यही वजह है यह इंसानों को प्रभावित करता है. ये हजारों वर्षों तक वातावरण में मौजूद रह सकता है. यह वायरस निर्जीव रूप में एकत्रित रह सकते हैं. जब यह हमारे संपर्क यानी किसी जीवित कोशिका के संपर्क में आता है तब यह सक्रिय हो जाता है. कोरोना वायरस मानव शरीर की कोशिका के जीन में बदलाव कर देता है, जिससे कोशिका इसका आदेश मानने लगती है. ऐसा बड़ी तेजी से होता है. हाल ही में इटली और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति में कोरोना के अंश इलाज से ठीक होने के बाद भी मौजूद होते हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस के कुछ अंश 86 दिनों तक व्यक्ति के शरीर में मौजूद रह सकते हैं.
वायरस का प्रभाव–
रिसर्च में यह भी पता चल रहा है कि जिन लोगों में वायरस का प्रभाव अधिक था, उनमें ट्रीटमेंट लेने के बाद कोरोना वायरस का अंश अधिक दिनों तक रहा. जिन लोगों में वायरस का अधिक प्रभाव नहीं हुआ, उनमें पोस्ट कोविड के लक्षण ना के बराबर रहे. myUpchar के अनुसार, कोरोना वायरस के मरीजों के लिए शुरुआती 5 दिन महत्वपूर्ण होते हैं. यदि इन पांच दिनों में अच्छी देखभाल और दवाओं से वे जल्दी ठीक होते हैं तो उनमें इसका असर काफी कम होता है. कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में ऐसा पाया गया कि उनके संक्रमित होने के कई दिनों बाद तक बीमारी का प्रभाव देखने को मिला. इनमें थकान, गले में खराश आदि लक्षण शामिल थे. वहीं कुछ मामले ऐसे भी थे जिनमें इस वायरस से संक्रमित होने के बाद कोई लक्षण नजर नहीं आए और वे अपने आप ही ठीक हो गए. इसलिए ऐसे मरीजों के शरीर से वायरस बहुत जल्दी निकल जाता है. यह बात इम्यूनिटी की मजबूती पर निर्भर करती है कि वायरस का प्रभाव किस पर अधिक और किस पर कम होगा.
जरूर रखें ये सावधानी
कई लोग इस वायरस को लेकर यह सोच रखते हैं कि इससे उन्हें कुछ नहीं होगा और वे लापरवाह हो जाते हैं. ऐसा करना काफी गलत है, क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण हर किसी के शरीर में अलग-अलग तरह से अटैक कर सकता है. कुछ लोग बुखार, सर्दी खांसी के लक्षण होने पर भी अपने आप को स्वस्थ मानते हैं और कोरोना का चेकअप कराने से आनाकानी करते हैं. ऐसे लोगों में वायरस का अटैक गंभीर हो सकता है. इसमें मरीज के ध्यान न देने पर वायरस उनके फेफड़ों को खराब कर सकता है, जिससे व्यक्ति को अलग से ऑक्सीजन लेने की जरूरत पड़ सकती है. कोरोना संक्रमित को ठीक होने के बाद भी अपनी इम्यूनिटी को बेहतर करने के लिए हल्दी वाला दूध, काढ़ा जरूर लेते रहना चाहिए. साथ ही गर्म पानी के गरारे करना और स्टीम लेना बंद नहीं करना चाहिए.