नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 20वें दिन पहुंच गया है. दिल्ली-एनसीआर में पारा लगातार गिरता जा रहा है, लेकिन किसानों की मांगों पर गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है. सरकार किसानों के साथ आमने-सामने से बात तो कर ही रही है, प्रदर्शनकारी किसानों को मनाने के लिए बैकडोर चैनल से भी बात कर रही है. लेकिन सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर डटे किसान नए कानूनों को रद्द करने से कम पर राजी नहीं है. अपनी मांगों के समर्थन में सोमवार को किसानों ने भूख हड़ताल भी की.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को संवाद के जरिए समझाएगी और बातचीत के जरिए इस गतिरोध का रास्ता निकलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं. अगर उन्हें किसानों से बात करने के लिए कहा जाएगा तो निश्चित रूप से वह किसानों से बातचीत करेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि अन्ना हजारे आंदोलन में शामिल होंगे. सरकार ने किसानों के खिलाफ कुछ नहीं किया है. ये किसानों का अधिकार है कि वे अपने उपज को मंडी में बेचें, या व्यापारी को बेचें या फिर किसी और को. उन्होंने कहा कि कुछ लोग किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं ये गलत है. किसानों को इन तीनों कानूनों को समझना चाहिए.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किसानों से कहा है कि उन्हें ये समझना चाहिए कि सरकार उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होने देगी. नितिन गडकरी ने किसानों को प्रस्ताव दिया वे सरकार के साथ आएं और इन कानूनों पर बात करें. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है और यदि कृषि कानूनों को लेकर कोई सुझाव देते हैं तो सरकार उसे मानने को तैयार है.
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