गुवाहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ ने नगालैंड में कुत्ते के मांस की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। ये प्रतिबंध दो जुलाई को लगाया गया था। इस फैसले का मतलब है कि अब राज्य में कुत्तों के मांस का व्यावसायिक आयात, व्यापार और बिक्री की जा सकती है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस हफ्ते की शुरुआत में आदेश पारित किया गया था।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, उच्च न्यायालय ने 14 सितंबर को नगालैंड सरकार को हलफनामा दायर करने का अवसर दिया था, लेकिन सरकार ने एक भी हलफनामा दायर नहीं किया। राज्य सरकार ने जुलाई में कुत्ते के मांस के वाणिज्यिक आयात, व्यापार और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर में दिख रहा था कि कुत्तों को एक थैले मे बांधकर रखा गया था।
राज्य में कुछ समुदायों के बीच कुत्ते के मांस को एक बेहतर आहार माना जाता है। 2016 में पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने कुत्ते के मांस के व्यापार को लेकर सरकार को कानूनी नोटिस भेजा था। प्रतिबंध का विरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं ने कहा कि जुलाई में कुत्ते के मांस पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश को कैबिनेट में लिए गए फैसले की आड़ में पारित किया गया था।
याचिकाकर्ता कोहिमा नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कुत्ते के मांस का आयात, व्यापार और बिक्री करने से संबंधित व्यापारी हैं। नगालैंड के मुख्य सचिव टेम्जेन तॉय ने दो जुलाई को ट्वीट कर कहा था, ‘राज्य सरकार ने कुत्तों और कुत्तों के बाजारों के वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगाने और पके हुए और बिना पके हुए कुत्ते के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। राज्य की कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले की सराहना करें।’