यदि आप हैं धात रोग के शिकार, जानें क्या हैं घरेलू उपचार

यदि आप हैं धात रोग के शिकार, जानें क्या हैं घरेलू उपचार

नई दिल्ली. संभोग और यौन उत्तेजना के बिना किसी पुरुष में वीर्यपात होने की स्थिति को धातु रोग कहा जाता है. अनैच्छिक रूप से वीर्य निकलना या बहना पुरुषों में एक यौन समस्या है. धात गिरना ही धातु रोग कहलाता है. कुछ मामलों में कब्ज होने पर मल त्याग के समय मूत्र के साथ वीर्य निकलने लगता है. वहीं कुछ ऐसे मामले पाए गए हैं, जिनमें मूत्र से पहले वीर्य निकलता है. कई बार सोते समय भी वीर्य निकल सकता है.

धातु रोग का कारण-

रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक हस्तमैथुन या सेक्स, पाचन तंत्र या शारीरिक कमजोरी, मूत्र और जननांगों से संबंधित समस्या, यौन असंतोष, मूत्र निकास मार्ग का सिकुड़ना, मलाशय से संबंधित विकार जैसे बवासीर, एनल फिशर, त्वचा में फोड़े-फुंसी आदि भी धातु रोग का कारण बन सकते हैं. जब वृषण ज्यादा गर्मी (जैसे गर्म पानी से भरे टब में नहाना) के प्रभाव में आते हैं, तो शुक्राणु की सप्लाई क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे रात को सोने के बाद शुक्राणु जारी होने लगते हैं. हालांकि, जो लोग ऐसे दृश्य की कल्पना करते हैं जिससे यौन उत्तेजना होने लगती है, तो ऐसे में भी वीर्यपात हो सकता है.

धातु रोग का लक्षण-

धातु रोग के सामान्य कारणों में कमर के निचले भाग में दर्द, थकान, अवसाद, सुस्त आंखें, अंडकोष वाले हिस्से में दर्द और पसीना आना, चक्कर आना, कमजोरी, रात को पसीना आना, गर्म और नम हथेलियां व तलवे शामिल हैं.

उपचार के तरीके-

धात रोग के उपचार के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूरी है. शराब का सेवन न करना, रात के समय कम भोजन करना, बहुत मुलायम गद्दों पर न सोना, जननांगों को पूरी तरह से स्वच्छ रखना, मल त्याग सही से होना आदि इसके उपचार में सहायक है. वीर्यपात की समस्या आमतौर पर सुबह के कुछ घंटों में होती है, तो ऐसे में आप अलार्म की मदद से सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें. रात में सोते समय टाइट कपड़े न पहने. इसके अलावा संतुलित और पौष्टिक आहार भी उपचार में मदद कर सकते हैं.

अपनाएं घरेलू उपाय-

रिपोर्ट के अनुसार, धात रोग की समस्या आमतौर पर नौजवानों में ज्यादा होती है. इस रोग को ठीक करने में नियमित रूप से तरबूज, एवोकाडो का सेवन फायदेमंद है. अजमोद एक शक्तिशाली उत्तेजक है, जिसमें एंड्रोस्टेरोन पाया जाता है. यह एक प्रकार का सुगंध रहित हार्मोन है, जो पुरुषों में पसीने के साथ निकलता है. सोने से पहले अजमोद की पत्तियों का जूस पिएं. शरीरिक शक्ति बढ़ाने और फिट रहने के लिए रोजाना 2 से 3 कप दही का सेवन करें. यह स्वप्न दोष कम करने में मदद करता है और अच्छी नींद दिलाता है. इस रोग को जड़ से खत्म करने के लिए मेथी का प्रयोग करें. यह हार्मोन को असंतुलन करने वाली दिक्कतों के इलाज में असरदार है. यह पाचन भी ठीक रखता है. इसके अलावा सोने से आधे घंटे पहले मेथी का रस और शहद मिलाकर पीना भी फायदेमंद है.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, धातु (धात) रोग पढ़ें.स्वास्थ्य संबंधी लेख द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.

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