मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार ला नीना के कारण दिल्ली में सामान्य के मुकाबले अधिक ठंड पड़ने वाली है। आईएमडी के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार पूरे मौसम में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से 2-2.5 डिग्री सेल्सियस कम ही रहेगा।
चूंकि इस बार सर्दियां पहले ही आ चुकी हैं इसलिए संभावना है कि 10 दिसंबर तक तापमान 5-6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। अन्य वर्षों में 20 दिसंबर के बाद तापमान यहां तक पहुंचता है। उन्होंने बताया कि शुरूआती दिसंबर में ही तापमान में गिरावट दर्ज होनी शुरू हो जाएगी।
मालूम हो कि शुक्रवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो कि सामान्य से पांच डिग्री कम है। यह बीते 14 वर्षों में नवंबर महीने का न्यूनतम तापमान था। हालांकि शनिवार को यह बढ़कर 8.5 डिग्री और अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
कमजोर ला नीना की वजह से सर्दियों में इस बार कड़ाके की ठंड रहेगी, क्योंकि यह ठंडी हवाओं के अनुकूल होता है। एल नीनो और ला नीना का मौसम के रुख को तय करने में काफी प्रभाव रहता है।
ला नीना समुद्री प्रक्रिया है, जिसमें समुद्र में पानी ठंडा होने लगता है। जिसका हवाओं पर भी असर होता है और तापमान पर प्रभाव पड़ता है। ये अंतर महासागरीय घटनाओं समेत दुनिया के मौसम और जलवायु को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने का कारण बन सकते हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसके पीछे बड़ी वजह हवा की दिशा में बदलाव होना है। दरअसल एल निनो और ला नीना, एल नीनो-दक्षिणी ऑसीलेशन (ENSO) (ईएनएसओ) चक्र के हिस्से हैं और दोनों जलवायु घटना के विपरीत काम करते हैं। ईएनएसओ चक्र एक वैज्ञानिक शब्दावली है जो पूर्व-मध्य इक्वेटोरियल पैसिफिक में महासागर और वायुमंडल के बीच तापमान के उतार-चढ़ाव को बताता है। पूर्व-मध्य इक्वेटोरियल पैसिफिक भूमध्य रेखा के पास दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच का क्षेत्र कहलाता है।