केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने गुरुवार को कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) भी गुपकार गठबंधन का हिस्सा है। मगर मुझे इस बात का आश्चर्य नहीं है क्योंकि सीपीएम वह पार्टी है, जिसने देश विरोधी ताकतों और 1942 में राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम को बदनाम करने के लिए बाहर खड़ी सेनाओं के साथ गठबंधन किया था। इसलिए वे उस परंपरा का पालन कर रहे हैं।
वी मुरलीधरन ने आगे कहा कि कांग्रेस फारुक अब्दुल्ला के साथ गठबंधन कर रही है, जो अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए विदेशी हस्तक्षेप की अपेक्षा करता है। वे भारत की अखंडता की कीमत पर भी कुछ सीटें चाहते हैं और जमात-ए-इस्लामी और गुपकार गठबंधन के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं।
दरअसल, गुपकार जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों का एक गठबंधन है, जिसे पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन (पीएजीडी) का नाम दिया गया है, जो एक तरह का घोषणा पत्र है। इसी गुपकार घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली सभी पार्टियों के एक समूह को गुपकार गठबंधन कहा जाता है।
गुपकार समझौते के प्रमुख लक्ष्य है आर्टिकल 370 की बहाली करना है। इस समझौते के तहत गठबंधन के अध्यक्ष नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारुक अब्दुल्ला हैं और इसकी उपाध्यक्ष पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती हैं।
दरअसल, गुपकार एक सड़क का नाम है। इसी सड़क पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला का घर है। बैठक उनके घर पर हुई थी, इसीलिए इसे गुपकार समझौते का नाम दे दिया गया। इसी जगह पर यानी फारूक अब्दुल्ला के आवास पर राज्य से आर्टिकल 370 हटने से एक दिन पहले यानी 4 अगस्त 2019 को कश्मीर के कुछ दलों ने एक साथ बैठक की थी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए तमाम दिग्गज नेताओं की रिहाई होने के बाद तमाम स्थानीय दलों के नेताओं ने केंद्र के खिलाफ नया मोर्चा खोलने का फैसला किया। इसके लिए 15 अक्तूबर को फारूक अब्दुल्ला के घर पर एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें गुपकार समझौता-2 पर सभी दस्तखत हुए।