दुनिया का एक ऐसा गांव, जहां रहती हैं केवल महिलाएं, पुरुषों के लिए है सख्त मना

दुनियाभर में भले ही महिलाओं और पुरुषों को बराबर का अधिकार दिए जाने की बात की जा रही हो, लेकिन महिलाएं अब भी कहीं ना कहीं बराबरी की लड़ाई लड़ रही हैं। पुरुष प्रधान समाज से आजादी पाने के लिए महिलाएं हर संभव कोशिश करती हैं, ताकि खुली हवा में सांस ले सकें। न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी यही स्थिति है। दुनिया में कई जगह ऐसी भी हैं, जहां आज भी महिलाओं का शासन चलता है। इसका एक जीता जागता उदाहरण अफ्रीकी देश केन्या में स्थित एक गांव में देखने को मिलता है।

दरअसल, केन्या की राजधानी नैरोबी के पास एक गांव है उमोजा। यह एक ऐसा गांव है जहां केवल महिलाएं रहती हैं और उन्हीं का शासन चलता है। इस गांव की खासियत है कि यहां कोई पुरुष प्रवेश नहीं कर सकता है। उमोजा गांव में रहने वाली रोजलिना लिआरपोरा नामक एक महिला घर का काम करती है, लकड़ी जलाती है और रंग-बिरंगे मोतियों की ज्वेलरी बनाती है।

रोजलिना की उम्र उस वक्त महज तीन साल थी जब वह यहां आई। यहां 48 महिलाओं का एक समूह अपने बच्चों के साथ पुआल की झोपड़ियों में रहता है। इस गांव में पुरुषों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। अगर कोई पुरुष यहां प्रवेश करता है, तो उसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दे दी जाती है। उसे (पुरुष) चेतावनी दी जाती है कि वह ऐसा दोबार न करे।

इस गांव की शुरुआत साल 1990 से 15 महिलाओं के समूह से हुई थी। संबुरु और इसिओसो के पास स्थित ट्रेडिंग सीमा के आसपास के इलाकों में ब्रिटिश जवानों ने इन महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया था। जिसके बाद इनके समुदाय में इन्हे घृणा की दृष्टि से देखा जाने लगा, जैसे इन्हीं की गलती हो। कई दुष्कर्म पीड़िताएं तो ऐसी भी हैं जिनका कहना है कि उनके साथ हुए अपराध के बाद उनके पति ने उन्हें परिवार के लिए अपमानजनक माना और घर से निकाल दिया। इस जगह पर उन्हें एक भूमि मिली। महिलाएं यहां आकर रहने लगीं और गांव को नाम दिया उमोजा, जो एकता को प्रदर्शित करता है।

धीरे-धीरे यह गांव एक शरणास्थल के रूप में बदल गया। यहां उन सभी महिलाओं का स्वागत किया जाता है, जिन्हें उनके घर से निकाल दिया जाता है। यहां अपनी शादीशुदा जिंदगी में परेशान, फीमेल म्यूटिलेशन से पीड़ित महिलाएं, दुष्कर्म और अन्य अपराधों से पीड़ित महिलाएं आती हैं। कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो अपने पति की मौत के बाद यहां आती हैं।

उमोजा में रहने वाली सभी महिलाएं संबुरु संस्कृति की हैं। ये समाज पितृसत्तात्मक है और यहां बहुविवाह की प्रथा प्रचलित है। यहां फीमेल म्यूटिलेशन सबसे अधिक किया जाता है। हर उम्र की महिलाएं यहां आकर रह सकती हैं। यहां रहने वाली महिलाओं में 98 वर्ष की बुजुर्ग से लेकर 6 महीने की बच्ची तक शामिल है। कई महिलाएं तो गर्भवती अवस्था में ही यहां आकर रहने लगती हैं।

उमोजा गांव में महिलाएं पूरी स्वतंत्रता के साथ खुशी से रहती हैं। उन्हें यहां किसी काम के लिए इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ती। इस गांव की महिलाएं रंग-बिरंगे मोतियों की मालाएं बनाती हैं, जिससे उनका जीवनयापन चलता है।

 

 

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