यूपी में हर पांच घंटों में एक नाबालिग बच्ची का होता है रेप और दो घंटों में एक का किडनैप

आज की हाथरस बलरामपुर, बुलंदशहर और भदोही की घटनाएं ही सिर्फ भयावह नहीं हैं. उत्तर प्रदेश (UP) में बीते 5 साल में नाबालिग बच्चियों संग हुईं ताबड़तोड़ वारदात भी रुह कंपाने वाली हैं. यूपी विधानसभा में रखे गए नाबालिग बच्चियों संग हुए अपराध के आंकड़े बताते हैं कि हर 5 घंटे में एक नाबालिग को हवस का शिकार बनाया जा रहा है. वहीं हर दो घंटे बाद एक नाबालिग का अपहरण किया जा रहा है.
इतना ही नहीं हर दो दिन में एक बच्ची का मर्डर हो रहा है. हालांकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) अपराधों को रोकने के लिए लगातार मशीनरी के पेच कसने के साथ ही उसमे बदलाव ला रहे हैं, सैकड़ों एनकाउंटर (Encounter) अंजाम दिए जा चुके हैं, बावजूद इसके अपराधी (Criminal) बेलगाम हुए जा रहे हैं.

5 साल में 25 हज़ार से ज़्यादा अपहरण
17 दिसम्बर 2019 को यूपी के विधानसभा सत्र के दौरान भी प्रदेश में बच्चियों के साथ होने वाले क्राइम का मामला उठा था. विधायक सुषमा पटेल ने यह मामला उठाया था. विधायक द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में यूपी सरकार ने बच्चियों के साथ होने वाले क्राइम के आंकड़े पेश किए थे.

उन आंकड़ों की मानें तो यूपी में एक जनवरी, 2015 से 30 अक्टूबर, 2019 तक 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के 25615 अपहरण हुए थे. वहीं 9703 बच्चियों को रेप का शिकार बनाया गया है. इतना ही नहीं 988 बच्चियों का बीते 5 साल में मर्डर भी हो चुका है.

रेप-अपहरण हुए हज़ारों में और सजा मिली सैंकड़ों को

यूपी में बीते 5 साल में हुए रेप 9703  और अपहरण 25615 हज़ारों की संख्या में हुए हैं. लेकिन कोर्ट पहुंचने के बाद ऐसे केस में सजा मिलने की बात करें तो अभी तक इन मामलों में बामुश्किल 2 हज़ार लोगों को भी सजा नहीं मिली है. रेप के मामले में अभी 1105 और अपहरण की वारदातों में शामिल सिर्फ 786 आरोपियों को ही दोषी ठहराया गया है. रेप के 189  और अपहरण के 1704 मामलों की जांच चल रही है. बाकी के केस का क्या हुआ यह आंकड़ा विधानसभा में नहीं रखा गया है.

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