शहर में शनिवार को हुई झमाझम बारिश ने नगर निगम की ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे चलना मुश्किल हो गया। तिलकामांझी से कचहरी चौक के बीच एनएच 80 पर जलजमाव के कारण यातायात व्यवस्था भी लड़खड़ा गई, जिससे घंटों जाम लगा रहा। वहीं, वार्ड सात के हसनाबाद व वार्ड आठ के गढ़कछारी के अधिकांश घरों में बरसात का पानी घुस गया।
पिछले चार दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से शहर की सूरत बिगाड़ गई है। बारिश से मोहल्ले हो या बाजार की मुख्य सड़कें, सभी जगह जलजमाव से स्थिति खराब हो गई है। बारिश के दौरान मुख्य मार्गों को जोडऩे वाली अधिकांश सड़कों पर एक से दो फीट पानी बहने लगा। जलजमाव वाले क्षेत्रों में वाहन चालकों के अलावा पैदल चलने वाले लोगों को भी काफी परेशानी हुई। आनंद चिकित्सालय मार्ग, तिलकामांझी हटिया रोड, आकाशवाणी चौक, आसानंदपुर, उर्दू बाजार रोड, मुख्य डाकघर से मुंदीचक मार्ग, इशाकचक से शीतला स्थान चौक समेत कई मोहल्लों में जलजमाव हो गया।
नालों की उड़ाही नहीं होने से उत्पन्न हुई समस्या
डिक्सन चौक से लोहापट्टी और सुजागंज की सड़कें कीचड़ और गाद से भर गई हैं। बारिश के कारण वहां राहगीरों को आवागमन में काफी मशक्कत करनी पड़ी। शहर के अधिकांश नालों की मानसून से पहले उड़ाही नहीं होने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। वार्ड सात के हसनाबाद व वार्ड आठ के गढ़कछारी के अधिकांश घरों में बरसात का पानी प्रवेश कर गया है।
तालाब में तब्दील हुआ सैंडिस का प्रवेश द्वार
बारिश के कारण सैंडिस कंपाउंड का प्रवेश द्वार तालाब में तब्दील हो गया। इससे तिलकामांझी चौक से कचहरी चौक के बीच एनएच-80 पर यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई। वाहन चालक घंटों जाम में फंसे रहे। दरअसल, सैंडिस कंपाउंड के प्रवेश द्वार पर बनी पुलिया को एक कंपनी के वाहनों ने क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे जल निकास की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसका प्रभाव तिलकामांझी के नवाबबाग कॉलोनी और इशाकचक थाना मार्ग पर पड़ा है।
नालों की गाद बह रही सड़क पर
कुछ नालों से निकाली गई गाद को सड़क पर ही छोड़ दिया गया। बारिश के बाद यही गाद नाले में फिर से गिर रही है और सड़क पर भी फैल रही है। शहर के मुख्य नाले व हथिया नालों की पूर्ण सफाई करने पर ही कुछ हद तक समस्या का निदान हो सकता है।
जैन मंदिर मार्ग की सड़कें जलमग्न
नाथनगर स्थित विश्व प्रसिद्ध जैन मंदिर मार्ग शनिवार को हुई बारिश के बाद जलमग्न हो गया। इससे मंदिर परिसर के साथ आसपास के दर्जनों घर जलजमाव की चपेट में आ गए। साथ ही मंदिर परिसर में भी दो फीट तक पानी जमा हो गया। इसके निदान को लेकर निगम के अधिकारियों को सूचना दी गई, पर किसी ने पहल नहीं की। वहां नाला निर्माण कार्य के शिलान्यास के 17 दिनों बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ।
भोलानाथ अंडरपास की समस्या जस की तस
शहर के दक्षिणी क्षेत्र में जल निकासी की समस्या जस की तस बनी हुई है। जलजमाव के कारण भोलानाथ रेलवे अंडरपास से होकर आवागमन प्रभावित रहा। वहीं बौंसी अंडरपास में भी जलभराव से आवागमन पांच घंटे तक ठप रहा। इससे इशाकचक, शिवपुरी कॉलोनी, राजेंद्रनगर, लोदीपुर, तहबलपुर, जमशी व गोराडीह समेत कई इलाकों के लोगों को दूसरे रास्ते से होकर आना-जाना पड़ा।
सरकारी कार्यालय भी जलजमाव की जद में
शहर के विकास की रुपरेखा तैयार करने वाले संस्थानों के प्रवेश द्वार पर ही जब जलजमाव हो तो, मोहल्ले की दुर्दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। नगर निगम कार्यालय और डीआरडीए के प्रवेश द्वार के बाहर हल्की बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जबकि अधिकारियों की गाडिय़ां बराबर गुजरती हैं। बावजूद इसके समाधान नहीं हो पाया।