धर्मनगरी वाराणसी (Varanasi) के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में बने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के समीप खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिरों के अवशेष मिले हैं. जिसके बाद यह नारा एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं कि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा को मुक्त करने की बात कही जा रही है. एक बार फिर यह विवाद सामने है कि मुगल शासन काल में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में बने ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिरों के ऊपर बनाया गया है. 
हालांकि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम मंदिर के निर्माण के दौरान जेसीबी से खुदाई के दौरान जो भवन के अवशेष मिले हैं, उसकी जांच के लिए पुरातत्व टीम ने मौका मुआयना किया. विश्वनाथ मंदिर में टीम उस जगह पहुंची जहां से ये अवशेष मिले हैं. टीम ने कई एंगल से अवशेष और आसपास के जगह की तस्वीरें लीं. साथ ही जिस जगह सुरंग की चर्चा थी, वहां भी जांच की.
करीब एक घंटे से ज्यादा वक्त तक टीम वहां रहीं. इसके बाद जांच के लिए अवशेष के कुछ हिस्से लेकर टीम रवाना हो गई. फिलहाल पुरातत्व विभाग की टीम ने जांच रिपोर्ट आने तक कुछ भी बोलने से परहेज किया.
टीम के सदस्यों का कहना था कि वो अपनी रिपोर्ट मंदिर प्रशासन को सौंप देगी. टीम में क्षेत्रीय अधिकारी सुभाष यादव और बनारस हिंदू विश्वविदयालय के पूर्व प्रोफेसर मारुति नंदन तिवारी शामिल थे. बता दें कि गुरुवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के दौरान अचानक जेसीबी खुदाई के दौरान ये अवशेष मिले थे, जिसके बाद उस जगह खुदाई बंद कर दी गई.
काशी में ये चर्चा जोर पकड़ गई है कि ये अवशेष 16वीं शताब्दी के मंदिर के हैं. फिलहाल रिपोर्ट सामने आने के बाद ही आशंका के बादल साफ हो पाएंगे. ये अवशेष श्रृंगार गौरी के पश्चिम तरफ अपारनाथ मठ की ओर जेसीबी से खुदाई के दौरान मिले थे. चर्चा के मुताबिक, मंदिरों के जो कलात्मक अवशेष निकले, उसमें कलश और कमल के फूल साफ नजर आ रहे हैं. फिलहाल मंदिर प्रशासन भी कुछ कहने से बच रहा है. हां, जो अवशेष मिले हैं, उनको सुरक्षित रखवा दिया गया है.
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