हंसी के गोलगप्पे: मरीज डॉक्टर से- प्लास्टिक सर्जरी के लिए प्लास्टिक हम दे दें तो….
टीचर ने साइंस लैब में अपनी जेब से एक सिक्का निकाला और एसिड में डाला,
फिर छात्र से पूछा – बताओ कि ये सिक्का घुल जाएगा या नहीं?
छात्र – सर नहीं घुलेगा…
टीचर – शाबाश… लेकिन तुम्हें कैसे पता?
छात्र – सर अगर एसिड में डालने से अगर सिक्का घुलता तो
आप सिक्का हमसे मांगते, ना कि अपनी जेब से निकालते…!!
पिता (चंपू से) – बेटा, गधे पर बैठकर क्या लिख रहे हो ?
चंपू – पापा, कल टीचर ने गधे पर निबंध लिखने के लिए कहा था,
वही लिख रहा हूं…
पप्पू – पहले मुझे लगता था कि मैं
सारा काम सही से करता हूं…
और…
मुझसे कभी कोई गलती नहीं होती…
गप्पू – हां तो, फिर क्या हुआ?
पप्पू – फिर एक दिन मेरी शादी हो गई…!!!
पत्नी- अच्छा बताओ, मैं तुम्हें कितनी अच्छी लगती हूं?
पति – बहुत ज्यादा.
पत्नी- फिर भी, बताओ कितनी?
पति- इतनी कि मन करता है तुम्हारे जैसी एक और ले आऊं…
पप्पू अपनी पत्नी से…
अच्छा ये बताओ बिदाई के समय तुम
लड़कियां इतनी रोती क्यों हो?
पत्नी- पागल अगर तुझे पता चले…
अपने घर से दूर ले जाकर कोई तुमसे
बर्तन मंजवाएगा तो तू क्या नाचेगा…
जब रामू ने डॉक्टर से पूछा प्लास्टिक सर्जरी का खर्च
रामू – डॉक्टर साहब, प्लास्टिक सर्जरी में कितना खर्चा आएगा?
डॉक्टर – 50 हजार
रामू – अगर प्लास्टिक हम दें तो…
डॉक्टर (गुस्से से) – तो उसे पिघला कर चिपका भी लेना,
मुफ्त में हो जाएगा…!!!