कोरोना वायरस का संक्रमण जब प्रयागराज में शुरू हुआ तो यहां कोविड-19 अस्पताल शुरू हुआ। आपको को पता ही होगा कि प्रयागराज का पहला कोटवा कोविड अस्पताल बनाया गया। शुरूआत में मरीज जो आते थे, वहीं भर्ती कराया जाता था। डॉक्टरों और स्टाफ द्वारा मरीजों की सेवा करने के बाद उन्हें स्वस्थ भी किया गया। कई मरीज हंसते-खिलखिलाते अपने घरों को गए। हालांकि अब यह कोविड अस्पताल मरीजों की सेवा नहीं कर सकेगा। क्योंकि आज शाम को इसे बंद कर दिया जाएगा।
बचे चार मरीजों को आज शाम तक डिस्चार्ज किया जाएगा
कोटवा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रयागराज का पहला कोविड अस्पताल बनाया गया था। अनेकों मरीजों को यहां आज यानी बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। 600 से ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को कोरोना मुक्त करके यह अस्पताल अब बंद किया जा रहा है। बुधवार को महज चार मरीज ही भर्ती हैं, शाम तक इन मरीजों को भी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इसके बाद सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जाएगा।
अब नान कोविड मरीजों का होगा इलाज
कोटवा कोविड अस्पताल के कोरोना वाले ब्लाक में ताला लगा दिया जाएगा ताकि फिर आवश्यकता पड़े तो इसका उपयोग किया जा सके। दूसरे ब्लाक में अब नान कोविड मरीजों का इलाज किया जाएगा। करीब छह माह से इस अस्पताल में नान कोविड मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। अब यहां इलाज शुरू होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। पहले की तरह यहां नियमित ओपीडी चलेगी।
इस अस्पताल ने इस कोरोना काल में बेहतर परिणाम दिए हैं
प्रयागराज में पांच अप्रैल को जब कोरोना का पहला मरीज मिला तो हर तो कोई भयभीत हो गया था। वह पहला मरीज इंडोनेशियाई जमाती था। उसे कोटवा बनी कोविड अस्पताल में ही भर्ती कराया गया और उसी अस्पताल से वह ठीक होकर डिस्चार्ज भी हुआ। अस्पताल की पूरी टीम ने इस कोरोना काल में बेहतर परिणाम दिए हैं। यही कारण है कि बड़ी संख्या में मरीज यहां से ठीक भी हो गए। हालांकि यह अस्पताल अब बंद किया जा रहा है। यहां चार दिन से कोरोना के कोई मरीज नहीं भर्ती किए जा रहे हैं। जहां पहले इस अस्पताल में 40 से 50 कोरोना मरीजों का इलाज एक साथ चल रहा था वह संख्या अब घटकर चार तक आ पहुंची है।
यूनानी मेडिकल कॉलेज बना एल-वन अस्पताल
कोटवा बनी कोविड अस्पताल नोडल डॉ. वीके मिश्र ने बताया कि इसके बंद होने के बाद यूनानी मेडिकल कॉलेज को चालू किया जा रहा है। यूनानी मेडिकल कॉलेज अभी तक कोविड केयर सेंटर बनाया गया था लेकिन अब इसे एल-वन कोविड अस्पताल बनाया जाएगा। इसमें कोरोना के अलक्षणीय मरीजों को भर्ती किया जाएगा।