लखनऊ में नहीं लग पा रहा कोरोना पर अंकुश, एक दिन में 21 मरीजों की मौत- 620 संक्रमित

उत्तर प्रदेश में कोरोना पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। वहीं, राजधानी स्थित केजीएमयू में वायरस ने पैर पसार दिए हैं। कुलपति ले.  डॉक्टर बिपिन पूरी समेत कई अफसर-डॉक्टर वायरस के शिकार हो गए हैं। शुक्रवार को 24 घंटे में 620 मरीजों में वायरस पाया गया है।

वहीं, 21 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई। जिसमें 15 शहर निवासी थे। यह एक दिन में मृतकों की संख्या सर्वाधिक है। छह अन्य मृतक कानपुर, उन्नाव, लखीमपुर, हरदोई, संतकबीर नगर व गोरखपुर के हैं।  केजीएमयू में रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार, चिकित्सा अधीक्षक भी संक्रमित हैं। संस्थान के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि कुलपति की हालत ठीक नहीं है।

संपर्क में सभी स्टाफ से टेस्ट कराने की अपील की गई है। केजीएमयू के अब तक 150 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। सिविल अस्पताल में भी 24 घंटे में दो डॉक्टर को कोरोना की चपेट में आ गए। यहां भी 45 से अधिक स्टाफ संक्रमण की जद में आ चुका है। यहां भर्ती सात माह की बच्ची में भी कोरोना पाया गया है। ऐसे में संबंधित यूनिट कां बंद कर दिया गया है। इसके अलावा 744 मरीजों ने बीमारी से जंग जीत ली है।

यहां भी वायरस का प्रकोप

गोमतीनगर में 33, गोमतीनगर विस्तार में 17, रायबरेली रोड के 29, इंदिरा नगर में 29,आशियाना में17, आलमबाग में 15, ठाकुरगंज में 19, तालकटोरा में16, हसनगंज में 22, चिनहट में 17, महानगर में 18 हजरतगंज में 23, मड़ियांव में 26, अलीगंज में 19 ,चौक में 27, कैंट में 22, जानकीपुरम में 11, कृष्णा नगर में 24, सरोजनी नगर में 17, विकासनगर में 11, बीकेटी में पांच, इंटौजा में तीन, मोहनलालगंज में चार, समेसी में तीन, मानकनगर में दो, कैसरबाग में चार, अमीनाबाद में दो, ठाकुरगंज में पांच, सआदतगंज में 12, मोहान में तीन,दुबग्गा में आठ लोग पॉजिटिव मिले हैं।

कोरोना से रेलवे कर्मी की मौत पर अस्पताल में बवाल

बांग्लाबाजार निवासी 48 वर्षीय रेलवे कर्मी को कोरोना हो गया। उन्हें ठाकुरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान निधन हो गया। परिवारजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। उधर, डॉक्टर ने मारपीट-अस्पताल में तोड़फोड़ करने पर कोविड के नए मरीजों की भर्ती से इन्कार कर दिया।

ठाकुरगंज के हेरिटेज हॉस्पिटल को निजी कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां गुरुवार को 48 वर्षीय रेलवे कर्मी को भर्ती कराया गया। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. वीरेंद्र यादव के मुताबिक, मरीज की हालत गंभीर थी। उसे शुक्रवार नौ बजे पीजीआइ रेफर किया गया। सीएमओ कंट्रोल रूम को जानकारी दी गई। मगर, मरीज की शिफ्टिंग नहीं हो सकी। शाम साढ़े सात बजे के करीब मरीज की मौत हो गई। परिवारजनों ने मारपीट व तोड़ाफोड़ की। ऐसे में कोविड के भर्ती अन्य मरीज का भी रेफर लेटर बना दिया गया है। वह अस्पताल को कोविड पैनल से अलग कर लेंगे। उधर, परिवारजनों के मुताबिक अस्पताल में इलाज में लापरवाही की गई। मरीज का ठीक इलाज नहीं किया गया। तोड़फोड़-मारपीट के आरोप निराधार हैं। सीएमओ कार्यालय के प्रवक्ता योगेश कुमार के मुताबि क मरीज के परिवारजनों से कई बार संपर्क किया गया। उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्टिंग के सुझाव दिए गए। मगर, वह पीजीआइ में भर्ती को लेकर अड़े रहे। वहां आइसीयू बेड फुल थे। वहीं शाम को परिवारजनों से फिर बात कर एंबुलेंस भेजी गई। इस दौरान उसकी मौत हो गई।

अब कोविड कमांड सेंटर से संचालित होगी 108 एंबुलेंस 

मरीजों को अब समयगत एंबुलेंस मुहैया होगी। इसके लिए 108 एंबुलेंस सेवा सीधे इंटीग्रे टेड कोविड कमांड सेंटर से कनेक्ट होगी। वहीं, उसकी लोकेशन की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी।

आशियाना स्थित 108 एंबुलेंस सेवा के दफ्तर का मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल व विशेष सचिव आयुष विभाग राजकमल ने औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 44 बीएलएस व आठ एएलएस एंबुलेंस संचालित हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि 108 एंबुलेंस से रोगियों को हॉस्पिटल तक समय से पहुंचाया जाएगा। पेशेंट शिफ्टिंग समय कम करने के लिए रियल टाइम मॉनीटरिंग होगी।एंबुलेंस के ऑनलाइन कॉल बुकिंग सेंटर, जीपीएस लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम को सीधे इंटीग्रे टेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर जोड़ा जायेगा। कमांड सेंटर से ही 108 एंबुलेंस परिचालन की व्यवस्था होगी।

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