आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पास कर चुकी युवा महिला डॉक्टर की बेरहमी से हत्या कर दी गई. डॉ योगिता गौतम अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मेडिकल कॉलेज के अंदर उनके काम, व्यवहार और समर्पण को सबलोग याद कर रहे हैं.

डॉक्टर योगिता गौतम ने ही उत्तर प्रदेश में सबसे पहले कोरोना मरीज को लेबर रूम में ले जाकर डिलीवरी कराई थी. उनके साथ इसी मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर सना भी थीं. आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या के बाद उनके सीनियर डॉक्टर दिल की गहराइयों से उन्हें याद कर रहे हैं.
सभी को ऐसा लग रहा है मानो उनके परिवार के सदस्य की अचानक हत्या कर दी गई हो. होनहार लेडी डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या के बाद एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की आंखें नम हैं.
अप्रैल के महीने में जब हर इंसान कोविड-19 से घबरा रहा था. तब डॉ योगिता ने कोविड-19 जैसी खतरनाक बीमारी से बिना डरे कोरोना संक्रमित महिला का पहला सिजेरियन ऑपरेशन किया. एक स्वस्थ बच्चे की डिलीवरी करा कर परिवार को सुखद अनुभूति कराई.
ये उस वक्त की बात है जब कोविड-19 संक्रमण से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था. एसएन मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 अस्पताल बनाया गया था. डॉक्टर योगिता गौतम को उस टीम का सदस्य बनाया गया जिस टीम के कंधों पर महिलाओं के प्रसव कराए जाने की जिम्मेदारी थी.
पहला सफल सिजेरियन ऑपरेशन कराने के बाद डॉक्टर योगिता और सना ने साथ मिलकर 14 दिन में कई महिलाओं के प्रसव कराए. लेकिन कई बच्चों को मां की गोद में पहुंचाने वाली डॉ योगिता गौतम अब इस दुनिया में नहीं हैं.
शादी से इनकार करने पर सिरफिरे डॉक्टर ने उनका कत्ल कर दिया है. डॉ योगिता गौतम के बारे में उनके साथ काम कर चुके चिकित्सकों का कहना है कि योगिता की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता है. योगिता गौतम तो अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन जब-जब कोरोना की बात आएगी तो लोग उन्हें जरूर याद करेंगे.
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