भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को पूरा देश जन्माष्टमी के रूप में मना रहा है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी को विदेशों में भी सावधानी के साथ मनाया जा रहा है. कई लोगों ने जन्माष्टमी कल मनाई थी, तो वहीं कई लोग आज जन्माष्टमी मना रहे हैं. लेकिन ऐसा क्यों कि यह त्यौहार दो दिन मनाया जा रहा है. तो आइए जानते है इसके बारे में…
श्री कृष्ण जन्माष्टमी को दो दिन मनाए जाने के पीछे तिथि और नक्षत्र का विशेष महत्व है और कारण भी यहीं है. पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. हिंदू पंचाग की माने तो अष्टमी तिथि की शुरुआत कल 11 अगस्त सुबह 9 बजकर 6 मिनट से हो चुकी थी, वहीं इसका समापन आज यानी कि 12 अगस्त को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगा. 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र जबकि 11 अगस्त को भरणी नक्षत्र था. इन दोनों के बाद रोहिणी नक्षत्र आता है, इसी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था. जो कि 13 अगस्त को आने वाला है. ऐसे में कई स्थानों पर 12 अगस्त की मध्यरात्रि को श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा.
तिथि के मुताबिक, 11 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई गई है, वहीं नक्षत्र के मुताबिक़, यह त्यौहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा. लगभग हर साल देखने में आता है कि जन्माष्टमी का त्यौहार लगातार दो ही दिन मनाया जाता है और इस बार भी यहीं स्थिति बनी है. हालांकि इस बार कोरोना महामारी के कारण त्यौहार को लेकर चहल-पहल देखने को नहीं मिल रही है. दही हांडी की परंपरा पर भी कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है. मंदिरों में भगवान के दर्शन करने पर मनाही है, ऐसे में लोग घरों में ही भगवान के पूजन को महत्व दे रहे हैं. घर में भगवान का विधिवत रूप से पूजन कर उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाया जा रहा है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal