चीनी कंपनियों के एक समूह ने 8.5 करोड़ डॉलर में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज के भीतर 40 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसका मकसद पाकिस्तान के पूंजी बाजार में चीन को प्रवेश देना और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए कोष जुटाना है। माना जा रहा है कि इस कदम से पाक अर्थव्यवस्था में चीन का दखल काफी अधिक बढ़ जाएगा।
कराची में पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक दर की मौजूदगी में इस बाबत एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। प्रसिद्ध पाक अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक इन चीनी कंपनियों के समूह में चाइनीज फाइनेंशियल फ्यूचर्स एक्सचेंज कंपनी लिमिटेड, शंघाई स्टॉक एक्सचेंज, शेनजेन स्टॉक एक्सचेंज और दो स्थानीय सहयोगी पाक-चीन निवेश कंपनी और हबीब बैंक लिमिटेड शामिल हैं। समूह ने 32 करोड़ शेयरों के लिए 28 पाकिस्तानी रुपए प्रति शेयर के हिसाब से गत वर्ष दिसंबर में बोली लगाई गई थी। यानी यह सौदा 8.96 अरब पाक रुपए (8.50 करोड़ डालर) का हुआ।
पाकिस्तान शेयर बाजार इंफ्रास्ट्रक्चर बांड जारी करने की भी योजना भी बना रहा है जिससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल 46 अरब डालर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना में किया जाएगा। यह
गलियारा पाक अधिकृत कश्मीर से होकर बनाया जा रहा है। इस अवसर पर दर ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश में इस प्रोजेक्ट से पाकिस्तान डेवलपमेंट फंड जुटाना है। हम जल्द ही फंड के लिए पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगम और अन्य ने भी अपनी रुचि दिखाई है।
इशाक दर ने कहा कि चीनी कंपनियों के साथ हुआ समझौता सपने को हकीकत में बदलने जैसा है। उन्होंने पाकिस्तानी पूंजी बाजार में चीनी कंपनियों की उपस्थिति को दोनों देशों के लिए फायदेमंद बताया। पाकिस्तान में चीन के राजदूत सुन वेईदोंग ने भी कहा कि इस समझौते से आर्थिक गलियारे के लिए फंड जुटाने में मदद मिलेगी।