इस्लामिक कैलेंडर के अंतिम माह में आयोजित होने वाला ‘ईद उल अजहा’ (बकरीद) का त्योहार आज कोरोना काल में शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए मनया जा रहा है। इस अवसर पर राजधानी पटना के गांधी मैदान समेत किसी भी ईदगाह व मस्जिद में ईद उल अजहा की नमाज नहीं पढ़ी गई। लोगों ने अपने-अपने घरों में फज्र की नमाज अदा की। इसके बाद नए कपड़े पहने और घरों में ही चाश्त की चार रकात पढ़ी। फिर घरों में ही कुर्बानी का सिलसिला शुरू हो गया।
पर्व-त्योहरों पर पड़ा कोरोना का असर, घरों में ही नमाज
विदित हो कि बिहार कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए कुछ छूटों के साथ अनलॉक लागू किया गया है। इसके लिए शारीरिक दूरी का पालन भी जरूरी है। इसका असर पर्व-त्योहार पर भी पड़ा है। संकटकाल में त्योहारों की धूमधाम खत्म हो गई है। आज बकरीद के अवसर भी ऐसा देखने को मिल रहा है। ईदगाहों व मस्जिदों में नमाज अदा नहीं की गई। लोगों ने घरों मे ही नमाज पढ़ी।
मुस्लिम धर्मगुरुओं की सुरक्षित त्योहार मनाने की अपील
कोरोना संकट को देखते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सुरक्षित तरीके के त्योहार मनाने की अपील की। बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर चिल्ड्रेन (बीआइएफसी) के धर्मगुरुओं और सदस्यों ने बिहार के लोगों को बकरीद की मुबारकबाद देते हुए सुरक्षित और तरीके से त्योहार मनाने की अपील की है। हजरत सैयद शाह शमीमुद्दीन अहमद मुनेमी (खानका मुनेमिया), हाजी एसएम सनाउल्लाह (इदारे शरिया), मौलाना अनिसुर रहमान (ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल), मो. रिजवान अहमद (जमाते इस्लामी ङ्क्षहद) और बीआइएफसी के अन्य सदस्यों ने कहा है कि बकरीद की नमाज घर पर ही अदा करें। भीड़ ना लगाएं। बच्चों को भी पूरी सफाई और सावधानी रखना सिखाएं। बच्चों , महिलाओं, बुर्जुगों और वंचित परिवारों की विशेष देखभाल करें। सौहार्द्र बनाए रखें ।
घरों से नहीं निकले लोग, सड़कों पर सन्नाटा
इस बीच राज्य सरकार ने 16 अगस्त तक लागू अनलॉक के अगले चरण में कुछ छूट दी है, लेकिन सड़कों पर सन्नाटा है। पुलिस सुबह से ही तैनात है। वह घरों ने निकलने वाले लाेगों को समझा रही है। बकरीद के अवसर पर घरों से निकले लोगों को भी पुलिस ने समझाया, जिसका असर हुआ है।