कोरोना महामारी के खिलाफ बिहार से यह उम्मीद भरी बड़ी खबर है। कोरोना वायरस (CoronaVirus) के संक्रमण को रोकने के लिए पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में कोरोना वैक्सीन (CoronaVirus Vaccine) का मानव परीक्षण (Human Trial) सोमवार से शुरू हो रहा है। इसके लिए एम्स प्रशासन ने 18 से 55 साल तक के 10 लोगों को चुना है। चुने गए कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) लोगों को आइसीएमआर (ICMR) की गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीन का पहला डोज दिया जाएगा।
विदित हो कि यह वैक्सीन आइसीएमआर और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित है। इसके मानव परीक्षण के लिए पटना एम्स में पांच विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है।
मानव परीक्षण के लिए 10 कोरोना मरीजों का चयन
कोरोना वैक्सीन के परीक्षण के लिए 50 लोगों ने एम्स प्रशासन से संपर्क किया था, जिनमें से 10 लोगों को चुना गया है। चुने गए लोग 18 से 55 साल की उम्र के बीच के हैं। परीक्षण के पहले उनकी मेडिकल जांच की जाएगी। परीक्षण आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार किया जाएगा।
14 दिनों बाद दिया जाएगा वैक्सीन का अगला डोज
डॉक्टरों के अनुसार वैक्सीन का पहला डाेज देने के बाद मरीजों पर दाे-तीन घंटे नजर रखी जाएगी, फिर उन्हें घर भेज दिया जाएगा। वैक्सीन का दूसरा डाेज 14 दिनों बाद दिया जाएगा। एम्स पटना के निदेशक डॉक्टर पीके सिंह ने कहा कि अगर यह परीक्षण सफल रहा तो कोरोना के इलाज में बड़ा कदम होगा।
पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी से भी कोरोना का इलाज
कोराना के इलाज के लिए पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी भी श्ुारू की गई है। इसके माध्यम से पटना के 36 साल के एक मरीज का इलाज किया गया है। कोरोना की जंग जीत चुके लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आने लगे हैं, पर जरूरत के अनुसार यह काफी कम है।c