गुजरात के सूरत में एक महिला ने साबित कर दिया है कि वर्दी और फर्ज से बढ़ा कुछ नहीं होता है. गुजरात के स्वास्थ्य राज्यमंत्री कुमार कानाणी के बेटे प्रकाश कानाणी अपने समर्थकों को कर्फ्यू उल्लंघन मामले में छुड़ाने पहुंचे थे, लेकिन महिला पुलिस सिपाही सुनीता यादव ने प्रकाश कनाणी को ही कानून का पाठ पढ़ा दिया. महिला सिपाही और राज्यमंत्री के बीच फोन काफी देर कहासुनी हुई. करीब डेढ़ घंटे तक चले इस ड्रामे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो वायरल होने के बाद सुनीता यादव को छुट्टी पर भेज दिया गया है.
सोशल मीडिया पर सुनीता यादव की काफी तारीफ हो रही हैं. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, “ईमानदारी से काम कर रहे अफसर को ड्यूटी मत सिखाओ, अपनी बिगड़ी औलादों को तमीज़ सिखाओ! ऐसे ढीठों को सुधारने के लिए सुनीता यादव जैसे और अफसरों को आगे आने की जरूरत है.”
ईमानदारी से काम कर रहे अफसर को ड्यूटी मत सिखाओ, अपनी बिगड़ी औलादों को तमीज़ सिखाओ!
ऐसे ढीठों को सुधारने के लिए #SunitaYadav जैसे और अफसरों को आगे आने की ज़रूरत है। pic.twitter.com/8eZyqVsQzp
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) July 12, 2020
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शुक्रवार की रात 10 बजे करीब कर्फ्यू के दौरान राज्यमंत्री कुमार कानाणी के समर्थक बिना मास्क पहने सूरत के वारक्षा में घूम रहे थे. उस दौरान ड्यूटी पर तैनात महिला सिपाही ने समर्थकों को रोका. इसके बाद प्रकाश कनाणी अपने समर्थकों को छुड़ाने वहां पहुंचे, लेकिन महिला सिपाही ने उनकी एक नहीं सुनी और पिता से बात कराने के लिए कहा.
सुनीता यादव ने मंत्री से सवाल किया कि जब शहर में कर्फ्यू लगा है तो आपके बेटे बिना मास्क पहने बाहर कैसे निकले? क्या नियम-कानून सबके लिए अलग-अलग हैं? महिला ने ये मंत्री से ये सवाल पूछा कि जब आप गाड़ी में मौजूद नहीं हैं तो आपके नाम की नेम प्लेट कैसे लगी हैं?
पूरी घटना का वीडियो वायरल है. इसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि महिला कॉन्सटेबल अपने फर्ज निभा रही हैं. हालांकि, इस पूरे मामले पर विधायक का आरोप है कि संगीता यादव ने उनके बेटे के साथ बदतमीजी की. इसके बाद पुलिस ने इस वीडियो का संज्ञान लिया और जांच के आदेश दे दिए गए. कहा जा रहा है कि सिस्टम से तंग आकर संगीता यादव ने इस्तीफा दे दिया.
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