कानपुर पुलिस एनकाउंटर में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का भतीजा अमर दुबे हमीरपुर में मुठभेड़ में ढेर

कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले विकास दुबे और उसके गुर्गों की तलाश मे लगी पुलिस को बुधवार सुबह विकास दुबे के दाहिना हाथ माने जाने वाले चचेरे भाई अमर दुबे को मार गिराने मे सफलता हाथ लगी। हमीरपुर के मौदाहा में पुलिस और एसटीएफ की टीम की अमर दुबे से बुधवार सुबह हुई मुठभेड़ में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। कानपुर में पुलिसवालों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे के गुर्गों में अमर दुबे सबसे करीबी था। इस हत्याकांड के वांछित अभियुक्तों के वायरल पोस्टर में अमर दुबे का नाम पहले नंबर पर था। एसटीएफ और हमीरपुर पुलिस ने बुधवार सुबह उसका एनकाउंटर कर दिया।

सूचना पर मौदहा कोतवाली पुलिस व एसटीएफ ने क्षेत्र में छिपे दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का भतीजा अमर दुबे की बुधवार तड़के घेराबंदी कर दी। पुलिस पर फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से अमर घायल हो गया। उसे मौदहा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अमर पर कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत पुलिस कर्मियों पर गोली बरसाकर हत्या करने का आरोप था। कानपुर पुलिस द्वारा वांछितों में सूची में उसे टाॅप पर रख उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।

बुधवार तड़के थाना मौदहा पुलिस व एसटीएफ टीम को सूचना मिली कि अमर दुबे नाम का एक व्यक्ति जिसने कानपुर में पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी और उसकी हत्या के मामले में विकास दुबे के बाद मोस्ट वांटेड व 25 हजार रुपये का इनामी अभियुक्त है उसका मूवमेंट थाना मौदहा क्षेत्र के अरतरा गांव के पास हुआ है। इस सूचना पर थाना मौदहा की टीम और एसटीएफ की टीम द्वारा घेराबंदी की गई तो अमर दुबे ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इसमें इंस्पेक्टर मौदहा मनोज शुक्ला व एसटीएफ टीम के एक कांस्टेबल गोली लगने से वह घायल हो गए।

पुलिस टीम की जवाबी कार्रवाई में अमर घायल हो गया, इसके बाद हॉस्पिटल भेजा गया वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मौके पर पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार, एएसपी संतोष कुमार सिंह, फील्ड यूनिट, फारेंसिक टीम एवं डॉग स्कवाड मौके पर पहुंचा। घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। अमर के पास से एक ऑटोमेटिक पिस्टल मिली है, जिससे फायरिंग की गई थी, एक बैग भी पड़ा हुआ मिला है। पुलिस की कई टीम गांव में पूछताछ कर रही हैं। वहीं आपराधिक इतिहास की जानकारी कानपुर के चौबेपुर थाना से ली जा रही है।

अरतरा गांव में रिश्तेदार के यहां रुका था अमर : अमर दुबे मंगलवार रात करीब दस बजे अपने रिश्तेदार मौदहा क्षेत्र के अरतरा गांव निवासी नरोत्तम दीक्षित के आया था। रिश्तेदारों ने अमर दुबे को घर से जाने को कहा, लेकिन सुबह जाने की बात कहने के बाद वह रात 10 से सुबह 4 बजे उनके यहां रुका। वहां सुबह पुलिस ने छापेमारी की। नरोत्तम दीक्षित के अनुसार उनके बेटे दिनेश की ससुराल बिकरू से 22 किमी दूर लक्ष्मणपुर में है। जहां अमर से अक्सर मुलाकात होती रहती थी। उसी रिश्तेदारी के नाते वह उनके यहां पहुंचा था।

नौ दिन पहले ही हुई थी अमर दुबे की शादी : हमीरपुर में एसटीएफ और पुलिस के एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे पर चौबेपुर समेत कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं। अभी 29 जून को ही विकास ने लड़की पक्ष पर दबाव बनाकर उनके ही घर पर ही उसकी शादी कराई थी। शादी के बाद दूसरे दिन लड़की वाले चले गए थे। बता दें कि पिता संजीव उर्फ संजू दुबे के खिलाफ भी 12 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में वांछित अमर दुबे पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था। घटना के दो दिन बाद पुलिस ने अमर दुबे की मां क्षमा दुबे को गिरफ्तार करके हमलावरों को भगाने के आरोप में जेल भेजा था। अमर दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाने में पांच मुकदमे दर्ज है, इसके अलावा अन्य थानों में भी मुकदमे दर्ज होने की बात कही जा रही है। मोस्टवांटेड विकास दुबे का शार्प शूटर अमर दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अतुल दुबे का भतीजा है।

बताया जा रहा है कि 2 जुलाई की रात को जब विकास दुबे के घर पर पुलिस दबिश देने गई थी तो अमर दुबे भी वहां मौजूद था। पुलिसवालों पर फायरिंग करने में और उनकी जान लेने में वह भी शामिल था। घटना के बाद से अमर विकास के साथ ही भाग निकला था। अमर विकास के सबसे खास लोगों में से एक था।मोस्टवांटेड विकास दुबे की तलाश में जुटी एसटीएफ और पुलिस टीम ने हमीरपुर के मौदहा में बुधवार सुबह मोस्टवांटेड विकास के करीबी साथी अमर दुबे की घेराबंदी कर ली थी।

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