वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुक्रवार को पदभार ग्रहण करने से पूर्व उनकी बयानबाजियों और आव्रजन से जुड़ी नीतियों के खिलाफ शनिवार को वाशिंगटन में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, करीब 2,000 प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप के पदभार ग्रहण करने और ‘धुर दक्षिणपंथी’ उम्मीदवारों के उनके कैबिनेट के लिए नामित किए जाने के खिलाफ वाशिंगटन की सड़कों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी ‘हम यहीं रहेंगे’ के नारे लगा रहे थे।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उन पर जवाबी आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद यह विरोध प्रदर्शन हुआ
ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान लोगों को बड़े पैमाने स्तर पर निर्वासित करने और अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी। प्रदर्शन के नेतृत्वकर्ता और अग्रणी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता अल शार्पटन ने कहा, “हम इस बारिश के बीच भी इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि देश यह समझे कि जिस चीज के लिए लड़ाई लड़ी गई और जो हासिल किया गया, उसे एक चुनाव में नहीं बदला जा सकता।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मार्टिन लूथर किंग जुनियर मेमोरियल की ओर मार्च करते हुए प्रदर्शनकारी ‘न्याय नहीं, तो शांति नहीं’ का नारा लगा रहे थे। अमेरिकी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता कांग्रेस सांसद जॉन लुईस के ट्रंप के राष्ट्रपति बनने को अवैध करार दिए जाने के बाद ट्रंप द्वारा उन पर जवाबी आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद यह विरोध प्रदर्शन हुआ। ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था, “लुईस को चुनाव परिणामों के बारे में झूठे आरोप लगाने के स्थान पर अपने जिले को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, जो बेहद बुरी हालत में है।”
लुईस जॉर्जिया से डेमोक्रेट सांसद हैं। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग ट्रंप द्वारा ‘ड्रीमर्स’ के नाम से जाने जाने वाले युवा प्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजने से सुरक्षा प्रदान करने के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा के आदेश को रद्द करने की स्थिति में उन्हें अमेरिका से निर्वासित किए जाने से बचाना है। ‘डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स प्रोग्राम’ (डीएसीए) पांच लाख युवा अप्रवासियों को अमेरिका से प्रत्यर्पित किए जाने से सुरक्षा प्रदान करता है और साथ ही उन्हें और उनके परिवारों को स्थिरता प्रदान करता है।
ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद 21 जनवरी को एक बड़े विरोध प्रदर्शन अभियान के तहत दो लाख से भी अधिक लोगों के एक महिला मार्च में शामिल होने की संभावना है। आयोजनकर्ताओं का कहन है कि अमेरिका के इतिहास में यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा।