कोरोना संकट के मद्देनजर शिवराज सरकार ने हायर एजुकेशन और टेक्निकल एजुकेशन के छात्रों के लिए बड़ा फैसला किया है. अब स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष के अलावा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा दिए उनके गत वर्ष/सेमेस्टर के अंकों/आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा/सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा.
साथ ही स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर फोर्थ सेमेस्टर के परीक्षार्थियों के पूर्व वर्षों/ सेमेस्टर्स में से सर्वाधिक अंक प्राप्त परीक्षा परिणाम को प्राप्तांक मानकर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के रिजल्ट्स घोषित किये जाएंगे. हालांकि, ऐसे स्टूडेंट्स जो एग्जाम देकर और सुधार चाहते हैं, उनके पास एग्जाम देने का विकल्प भी रहेगा.
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, मध्य प्रदेश में स्नातक, स्नातकोत्तर के 17 लाख 77 हजार परीक्षार्थी हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मध्य प्रदेश में स्कूल खोलने का फैसला 31 जुलाई को एक समीक्षा बैठक के बाद लिया जाएगा. वहीं जो छात्र किसी कारणवश 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनके लिए एक बार फिर परीक्षा आयोजित की जाएगी.
गौतरलब है कि कोरोना महामारी का असर स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई और भविष्य पर भी पड़ रहा है. मार्च महीने के बाद से ही देशभर में स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद हैं.
छात्रों की परीक्षाओं को भी रद्द करना पड़ा है. ऐसे में कई राज्य सरकारों ने छात्रों की परीक्षाएं रद्द कर उन्हें अगली कक्षा या सेमेस्टर में प्रवेश देने का ऐलान किया है.