अमेरिका ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अपने पड़ोस में दुष्ट रवैया अपना रही है।
वह अमेरिका और यूरोप में साइबर अभियान के जरिए गलत प्रचार कर रही है ताकि यहां की सरकारों को कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा कि सीसीपी विकासशील देशों को कर्ज और निर्भरता के बोझ तले दबाना चाहती है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीनी फौजें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ाने में जुटी हुई हैं। वह दक्षिण चीन सागर में गलत तरीके से अपना क्षेत्र बढ़ा रही हैं।
कोरोना वायरस को लेकर चीन पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उसने वायरस के बारे में झूठ बोला। इसे दुनिया के बाकी हिस्सों में फैलने दिया। अपनी साजिश को छिपाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर दवाब डाला।
माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को कोपेनहेगन डेमोक्रेसी समिट 2020 में ‘यूरोप और चीन की चुनौतियां’ विषय को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को सालों तक यह उम्मीद रही है कि वे चीन की कम्युनिस्ट सोच में बदलाव लाकर वहां के लोगों के जीवन में सुधार ला सकते हैं, लेकिन सीसीपी हमसे अच्छे संबंधों का दिखावा करके हमारी नरमी का फायदा उठाती रही है।
पोम्पियो ने कहा कि सीसीपी नाटो जैसे संस्थानों के जरिए दुनिया में बरकरार आजादी और उससे आई तरक्की को खत्म करना चाहती है। वह केवल चीन को फायदा पहुंचाने वाले नियम-कायदों को अपनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीसीपी ने संयुक्त राष्ट्र में दर्ज संधि को तोड़ते हुए हांगकांग की आजादी को खत्म करने का फैसला लिया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन हांगकांग मामले में जो कर रहा है वो केवल एक उदाहरण है। वह कई अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन कर चुका है। वह मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए उइगुर मुस्लिमों पर अत्याचार कर रहा है।
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