बिहार में बाहर से आने वाले कोरोना संक्रमण के संदिग्धों के रखने के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर सोमवार से बंद कर दिए जाएंगे। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने 31 मई को आदेश जारी किया था। फिलहाल राज्य के 534 प्रखंडों में 15 हजार से अधिक क्वारंटाइन सेंटर 29 अप्रैल से चल रहे हैं। इनमें 15.22 लाख से अधिक लोगों को रखा गया।
विदित हो कि बीते 31 मई को सरकार ने फैसला किया कि 15 जून से क्वारंटाइन सेंटर बंद कर दिए जाएंगे। साथ ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को छोड़कर अन्य ट्रेनों से आने वालों को क्वारंटाइन सेटर में नहीं रखने का भी आदेश जारी किया। माना गया कि राज्य लौटने वाले अधिकांश प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं और जो बचे हैं, वे जल्दी ही लौट आएंगे। इसलिए क्वारंटाइन सेंटर की उपयोगिता नहीं रही। अब जो आएंगे, उन्हें होम क्वारंटाइन किया जाएगा।
31 मई को किया गया सेंटर बंद करने का फैसला
बीते 21 मई को आपदा प्रबंधन विभाग ने देश के 11 शहरों दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरूग्राम (गुड़गांव), नोएडा, कोलकाता, सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे और बंगलूरू से आने वालों को ही क्वारंटाइन सेंटरों में रखने का फैसला किया था। अन्य शहरों से आने वालों में कोई लक्षण नहीं पाए जाने पर उन्हें होम क्वारंटाइन किया गया। इसके बाद 31 मई को सरकार ने निर्णय किया कि श्रमिक स्पेशल को छोड़ बाकी ट्रेनों से आने वालों को क्वारंटाइन सेंटरों में नहीं रखा जाएगा।
15 हजार सेंटरों में रखे गए 15.22 लाख लोग
राज्य के सभी प्रखंडों में पंचायत स्तर तक बनाए गए 15 हजार से अधिक क्वारंटाइन सेंटरों में बाहर से आने वाले 15.22 लाख से अधिक लोगों को रखा गया। यहां लोगों को 14 दिन तक रखा गया, जहां की पूरी व्यवस्था सरकार ने की।
अब बाहर से आने वालों के लिए होम क्वारंटाइन
वर्तमान स्थिति की बात करें तो शनिवार तक राज्य के करीब एक करंटाइन सेंटरों में करीब 20 हजार लोग रह रहे थे, जिन्हें 15 जून के बाद होम क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है। अब नए नियमों के तहत राज्य के बाहर से आने वाले लोगों के लिए होम क्वारंटाइन की व्यवस्था का प्रावधान रहेगा।
प्रवासियों के लिए सरकार ने की पूरी व्यवस्था
क्वारंटाइन सेंटरों में सरकार ने लोगों के रहने-खाने की सभी व्यवस्था की। उन्हें सुबह में नाश्ता, दोपहर व रात में खाना दिया गया। सभी को सुबह-शाम दूध दिया गया। इन सेंटरों में रहने की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। सभी को मास्क व सैनिटाइजर दिए गए। यहां रहने वालों के कपड़े, मच्छरदानी, बाल्टी, थाली-कटोरी व ग्लास आदि भी दिए गए। क्वारंटाइन अवधि पूरा कर जाने वाले ये सामान साथ ले गए। इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों को जाते समय सरकार ने उनके आने का रेल किराया तथा 500 रुपये अतिरिक्त दिए।