अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा है कि इस कठिन समय में आप भगवदगीता से निश्चितता, शक्ति और शांति पा सकते हैं। अपने वर्चुअल संंबोधन में 39 साल की हवाई से कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस अराजक समय में कोई भी निश्चितता के साथ यह नहीं कह सकता कि कल कैसा होगा।
गबार्ड ने छात्रों से कहा, हमें भक्ति योग और कर्म योग के अभ्यास में निश्चितता, शक्ति और शांति पा सकते हैं जो हमें कृष्ण द्वारा भगवत गीता में सिखाया गया है। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पुलिस हिरासत में अफ्रीकी-अमेरिकी शख्स जॉर्ड फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
हिंदू छात्र परिषद द्वारा सात जून को पहली बार आभासी हिंदू कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसे फेसबुक और यूट्यूब के जरिए हजारों लोगों ने देखा। सभी कोविड-19 संकट के दौरान एकजुटता के लिए साथ आए।
जॉन हॉपकिंस कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर के अनुसार वायरस के कारण दुनियाभर में 76,00,000 से ज्यादा लोग संक्रमित और 4,25,000 से ज्यादा की मौत हो चुकी है।
कोरोना ने अमेरिका को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। यहां 2.4 मिलियन (24 लाख) से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि 1,14,000 लोगों की मौत हो गई है। पिछले साल चीन के वुहान से शुरू हुए वायरस ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। दुनिया के वैज्ञानिक इसका टीका या इलाज ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, भारत और ऑस्ट्रेलिया के सैकड़ों स्नातकों ने अपने साझा हिंदू मूल्यों का जश्न मनाते हुए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रोफेसर सुभाष काक ने समारोह के ग्रैंड मार्शल के रूप में कार्य किया।
संबोधन में गबार्ड ने कहा, ‘जैसा कि आप अपने जीवन के इस नए अध्याय के बारे में सोचते हैं, अपने आप से पूछें कि मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है? यह एक गहराई वाला सवाल है।
यदि आपको पता चल जाता है कि आपका उद्देश्य भगवान या उसके बच्चों की सेवा करना है तो कर्म योग का अभ्यास कीजिए तब आप वास्तव में सफल जीवन जी सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘सफलता अस्थायी भौतिक चीजों, आभूषण, चमकदार वस्तुओं या उपलब्धियों से परिभाषित नहीं होती है। यह एक गहरी सफल और सुखी जीवन सेवा के आसपास केंद्रित होती है।’
इस कार्यक्रम में हिंदू प्रार्थना की गई। बता दें कि हिंदू छात्र परिषद की स्थापना 1990 में हुई थी। यह उत्तर अमेरिका का सबसे बड़ा अखिल हिंदू युवा संगठन है।