केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी के सहिष्णुता पर दिए बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस पर भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया।
नकवी ने कहा कि भारत का डीएनए सहिष्णुता और सद्भाव से सराबोर है, लेकिन यह ‘सामंती फोटोफ्रेम में फिक्स’ परिवार को समझ में नहीं आएगी।
पत्रकारों से बात करते हुए, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि विपक्षी दल के कम जानकारी वाले नेताओं को पता होना चाहिए कि ‘सभी जीवित प्राणी खुश रहें’ यह भारत की विरासत और सांस्कृतिक प्रतिबद्धता है।
गौरतलब है कि पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका का डीएनए खुलेपन और सहिष्णुता के लिए जाना जाता था, लेकिन अब ये गायब हो गया है। और विभाजन पैदा करने वाले अब राष्ट्रवादी होने का दावा कर रहे हैं।
नकवी ने कहा कि ‘सामंती फोटोफ्रेम में फिक्स’ कांग्रेस, भारत के डीएनए को देखने में असमर्थ है जो सहिष्णुता और सद्भाव से भरा है। भारत को ‘राजनीतिक पाखंड की पूर्वनिर्मित प्रयोगशाला’ से ‘डीएनए परीक्षण’ के किसी भी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि सहिष्णुता और सौहार्द के लिए भारत की सांस्कृतिक प्रतिबद्धता ने विविधता में एकता के सूत्र से इतने बड़े देश को बांधकर रखा है।
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले एक दशक से अधिक समय से ‘बोगस बैशिंग ब्रिगेड’ की असहिष्णुता के ‘सबसे बड़े शिकार’ हैं। यहां तक कि इस महामारी के हालात में भी कांग्रेस और उसके नेता समस्याओं के समाधान का हिस्सा बनने के बजाय ‘राजनीतिक प्रदूषण’ पैदा कर रहे हैं।
अपने राजनीतिक दिवालियापन के कारण कांग्रेस संकट के समय में भी देश को बदनाम करने में लगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी आतंकवादियों के सफाए पर सवाल, सर्जिकल स्ट्राइक पर हंगामा खड़ा करने कोरोना वायरस महामारी पर भ्रम फैलाने के बाद अब यह भारत को असहिष्णु साबित करने प्रपंच कर रही है।