समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना के चलते पढ़ाई और नौकरी की तलाश में दूसरे शहरों में रहने वाले छात्रों व युवाओं के पास न कमरे का किराया देने और न खाने व फीस देने को पैसा है। लेकिन मुख्यमंत्री और उनकी टीम-इलेवन सिर्फ बयान जारी कर अपना कर्तव्य पूरा कर रही है।
सरकार को इनकी सहायता करनी चाहिए और कोरोना पीड़ित परिवार सहित इस आपदा से पीड़ित किसानों व मजदूरों को 10-10 लाख रुपये की सहायता देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से स्कूल-कॉलेज बंद हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से फीस व अन्य खर्चे वसूलने का लगातार दबाव डाल रहे हैं जबकि इन संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों तथा दूसरे कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दिया जा रहा है।
इस पर सरकार मौन है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में कोरोना संक्रमण के शिकार तमाम लोग जान गंवा चुके हैं, लेकिन भाजपा कोरोना से जंग जीतने की जगह बिहार-बंगाल चुनाव की जीत की चिंता में डूबी है।
उसने चुनाव की पवित्रता नष्ट करते हुए वर्चुअल रैलियों के लिए जंगल में पेड़ों तक पर एलईडी लगवा दी। भाजपा को बताना चाहिए कि संकट के दौर में भी बिहार-बंगाल की वर्चुअल रैली में उसने ढाई सौ करोड़ रुपये से ज्यादा क्यों उड़ा दिए।
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