विज्ञान में ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है लेकिन ज्योतिष के मुताबिक यह लोगों के हित के लिए ठीक नहीं होता है। ग्रहण किसी भी व्यक्ति के लिए फलदायी नहीं होता। इसके परिणाम भी शुभकारी नहीं होते हैं। पांच जून से पांच जुलाई के मध्य तीन ग्रहण लग रहे हैं। दो चंद्र एवं एक सूर्य ग्रहण।
ज्योतिषियों के अनुसार ऐसा संयोग सैकड़ों वर्षों के बाद बन रहा है। 30 दिनों के भीतर तीन ग्रहण होने से विश्व युद्ध, महामारी एवं प्राकृतिक आपदा जैसे दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। पांच जून और पांच जुलाई को चंद्र ग्रहण लगेगा। वहीं 21 जून को सूर्य ग्रहण के परिणाम भी ज्योतिष के लिहाज से अच्छा नहीं माना जा रहा है।
पंडित विनोद तिवारी ने बताया कि पांच जून की रात 11:15 मिनट से तथा छह जून की रात 2:34 बजे तक चंद्र ग्रहण रहेगा। इसमें शुक्र वक्री और अस्त रहेगा। गुरु व शनि वक्री रहेंगे तो तीन और ग्रह वक्री होंगे।
जिसका प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर होगा। शेयर बाजार से जुड़े लोग सावधान रहें तथा एहतियात बरतते हुए मार्केट में रकम लगाएं। यह ग्रहण वृश्चिक राशि पर बहुत बुरा प्रभाव डालने वाला है। परिवार वालों के साथ वाद-विवाद का सामना करना पड़ेगा। किसी ख्यातिलब्ध व्यक्ति की रहस्यात्मक मौत भी हो सकती है।
पंडित बृजेश पांडेय ने बताया कि 21 जून को एक साथ छह ग्रह वक्री रहेंगे। बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु व केतु यह छह ग्रह वक्री रहेंगे। छह ग्रहों के वक्री होने से बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है। इस ग्रहण से दुनिया में प्राकृतिक आपदा के साथ ही महामारी आने की प्रबल आशंका है।
पंडित अरविंद गिरि ने बताया कि यह बड़ी खगोलीय घटना है। यह बड़े परिवर्तन की सूचक है। मंगल और सूर्य की राशि का परिवर्तन गुरु व धनु राशि में हो रहा है लेकिन वे वक्री रहेंगे।
वहीं शुक्र मार्गी होने से प्राकृतिक आपदाओं के आने की आशंका बनी रहेगी। वैश्विक शक्तियां लड़ने को हावी रहेंगी तो विश्व युद्ध भी हो सकता है।
पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि किसी भी तरह का ग्रहण किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। अलग-अलग तरीकों से ये लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं।
चंद्रमा मन मस्तिष्क को प्रभावित करता है और संबंधित व्यक्ति के जन्म कुंडली में जिस भाव का मालिक होगा उसे भी प्रभावित करता है। वहीं सूर्य पिता-पुत्र, राज्य सत्ता पक्ष, शारीरिक फल को प्रभावित करेगा। ग्रहण से कोरोना का संक्रमण भी बढ़ेगा।