डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत के आगे फैलाया हाथ और कहा….

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति पर मदद की उम्मीद जताई है। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से रविवार सुबह इस मुद्दे पर बात की थी। अगर वे दवा की आपूर्ति की अनुमति देंगे तो हम उनके इस कदम की सराहना करेंगे। अगर वे सहयोग नहीं भी करते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन वे हमसे भी इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद रखें।

प ने कहा कि भारत कई वर्षों से अमेरिकी व्यापार नियमों का फायदा उठा रहा है, और ऐसे में अगर नई दिल्ली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात को रोकता है, तो उन्हें हैरानी होगी।

उन्होंने कहा, ‘अगर ये उनका निर्णय है, तो मुझे हैरानी होगी। उन्हें इस बारे में मुझे बताना होगा। मैंने रविवार सुबह उनसे बात की, उन्हें फोन किया, और मैंने कहा कि हम इस बात की सराहना करेंगे, यदि आप आपूर्ति होने देंगे। अगर वे इसकी इजाजत नहीं देंगे, तो कोई बात नहीं, लेकिन जाहिर तौर पर इसकी प्रतिक्रिया हो सकती है। क्यों नहीं होनी चाहिए?’

अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा था कि भारत दवा क्षेत्र में अमेरिका का प्रमुख सहयोगी रहा है और अमेरिका को उम्मीद है कि दोनों देशों में यह तालमेल जारी रहेगा।

भारत ने पिछले महीने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए ट्रंप इस दवा की जोरदार वकालत कर रहे हैं। भारत को श्रीलंका और नेपाल जैसे अपने पड़ोसी देशों सहित कई अन्य देशों से भी इस तरह के अनुरोध मिले हैं। भारत ने कहा है कि वह अपने निर्यात प्रतिबंध आदेश की समीक्षा कर रहा है।

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक पुष्ट मामलों और 10,000 से अधिक मौत होने के साथ अमेरिका भी इससे बुरी तरह से प्रभावित देश के तौर पर उभरा है। इस वायरस का अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है।

अब अमेरिका और दुनिया के वैज्ञानिक दिन रात एक करके इस वायरस के खिलाफ कोई टीका या सटीक इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। इस महामारी के कारण दुनिया में अब तक 64,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 11 लाख 53 हजार 142 संक्रमित हैं।

कुछ शुरुआती परिणामों के आधार पर ट्रंप प्रशासन कोरोना वायरस के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग करने पर जोर दे रहा है। यह दवाई दशकों से मलेरिया में उपचार के काम आती है। पिछले शनिवार को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तुरंत मंजूरी के बाद, कुछ अन्य दवा के संयोजन के साथ मलेरिया की दवा का उपयोग करके न्यूयॉर्क में लगभग 1,500 कोरोना रोगियों का उपचार किया जा रहा है।

ट्रंप के अनुसार दवा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि यह सफल हो जाता है, तो यह स्वर्ग से मिले किसी तोहफे के समान होगा। अगले कई हफ्तों में, अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के कारण एक लाख से दो लाख मौतों का अनुमान लगाया है।

कोरोना वायरस के उपचार में एक सफल दवा होने की आस में, अमेरिका पहले ही लगभग 29 मिलियन खुराक का स्टॉक कर चुका है। इसी संदर्भ में ट्रंप ने मोदी से अनुरोध किया है कि वह अमेरिका के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की लाखों खुराक रिलीज कर दें। भारत बड़े पैमाने पर इस दवा का उत्पादन करता है।

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