हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद खास माना जाता है। प्रदोष व्रत माह में दो बार शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ते हैं। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा करने का विधान बताया गया है। चैत्र मास में सोम प्रदोष व्रत 05 अप्रैल 2020 दिन रविवार को पड़ रहा है। इस बार पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रविवार शाम को ही करना होगा। उस दिन सोम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
सोम प्रदोष व्रत का मुहूर्त-
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 05 अप्रैल दिन रविवार को शाम 07 बजकर 24 मिनट से प्रारंभ हो रही है। त्रयोदशी तिथि का समापन 06 अप्रैल 2020 दिन सोमवार को शाम 03 बजकर 51 मिनट पर हो रहा है।
सोम प्रदोष व्रत का महत्व-
सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में श्रद्धापूर्वक पूजा करने से व्यक्ति को निरोगी काया का वरदान मिलता है। इसके अलावा भगवान शिव इस व्रत को रखने वाले भक्तों की उनकी मनोकामना पूर्ति का भी वरदान देते हैं। यह व्रत शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए अच्छा माना गया है।
सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि-
-इस व्रत को करने वाले श्रद्धालु को इस रविवार के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद उसे अपने हाथ में जल लेकर प्रदोष व्रत का संकल्प करते हुए भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। व्रती को इस दिन फलाहार पर ही रहना चाहिए। शाम को प्रदोष काल में मुहूर्त के समय भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए उन्हें गंगा जल, अक्षत्, पुष्प, धतूरा, धूप, फल, चंदन, गाय का दूध, भांग आदि अर्पित करें।
इसके बाद ओम नम: शिवाय: मंत्र का जाप करते हुए शिव चालीसा का पाठ और अंत में भगवान शिव की आरती करें। पूजा करने के बाद लोगों के बीच प्रसाद बांटें। रात को जागरण और अगले दिन सोमवार को स्नान करके महादेव का पूजन करें। ब्राह्मण को दान-दक्षिणा और पारण करके अपने व्रत को पूरा करें।