इन दिनों मौसम के उलटफेर से लोग परेशान हैं, वहीं किसान भी सांसत में हैं। सामान्य से तेज हवाएं चल रही हैं तो बूंदाबांदी व बारिश के बीच ओले भी गिर रहे हैं। कभी तेज धूप निकलती है तो कभी अचानक बादल छा जाते हैं और वर्षा के बाद एकदम से तापमान नीचे आ रहा है। यह स्थिति फिलहाल 10 दिन और बनी रहेगी, जिससे मौसम में परिवर्तन के आसार हैं।
पश्चिमी विक्षोभ है बारिश का कारण
पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही पैदा हुए क्षेत्रीय चक्रवात ने मौसम की अनियमितता को बढ़ा दिया है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से जनवरी से मार्च के बीच बारिश होती है। यह प्रक्रिया हर साल रहती है। इस बार भी बूंदाबांदी और तेज हवाएं चलीं। दोपहर और रात के वक्त तापमान की अधिकता होने से कम वायुदाब का क्षेत्र विकसित हो गया। इसके चलते सात मार्च से वायुमंडल मे क्षेत्रीय चक्रवात पैदा हो गया, जिसकी वजह से मौसम में उठापटक और बढ़ गई। सामान्य से तेज हवाएं चलने लगीं। क्षेत्रीय चक्रवात का केंद्र बिंदु मध्य उत्तर प्रदेश है, जिसकी जद में आने वाले जनपद प्रभावित हो रहे हैं। कानपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, फतेहपुर, हरदोई समेत अन्य जिले शामिल हैं।
36 मिलीमीटर तक हो चुकी बारिश
इस मौसम में अब तक 36 मिलीमीटर तक बारिश हो चुकी है। पिछले पांच साल में यह वर्षा की काफी अधिक मात्रा है। 16 मार्च 2015 में एक ही दिन में 83 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जिसमें फसलों को बहुत नुकसान हुआ था।
17 मार्च तक बारिश के आसार
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार के मुताबिक 17 मार्च तक बारिश के आसार हैं, जबकि क्षेत्रीय चक्रवात का असर 10 दिन और रहेगा। अबतक की बारिश में गेहूं, चना, मसूर, ज्वार, बाजरा, सरसों, अलसी, आलू की फसल को नुकसान हुआ है। घाटमपुर, बिल्हौर, चौबेपुर ब्लॉक में खेत प्रभावित हुए हैं।