दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि एक मुस्लिम महिला का मंदिर बनाया गया है, जहां लोगों की हर मुराद पूरी होती है। आइए हम आपको इस मंदिर के बारे में बता रहे हैं कि कब और क्यों बनाया गया था।
मुस्लिम महिला का मंदिर
अहमदाबाद से 40 किलोमीटर दूर एक गांव है जिसका नाम है ‘झूलासन’ इस गांव में एक मंदिर है और शायद यह हिंदुओं का अकेला मंदिर है जिसमें किसी मुस्लिम महिला की पूजा होती है. जिसे डोला माता मंदिर कहते है।
डोला माता मंदिर
गौरतलब है कि ये गांव सुनीता विलियम्स जोकि अंतरिक्ष यात्री हैं के पिताजी का पैतृक गांव है। गांव के लोगों का कहना है कि आज से 250 साल पहले एक मुस्लिम महिला ने, जिनका नाम ‘डोला’ था. अपने गांव को उपद्रवियों से बचाने की खातिर उपद्रवियों से काफी लड़ाई लड़ी थी और गांव की रक्षा करते हुए उनकी जान चली गई।
लोगों का कहना है कि उनकी मृत्यु के बाद डोला का शरीर फूलों में परिवर्तित हो गया था। इस चमत्कार को लोगों ने बलिदान के चलते फूल के ऊपर ही उस मुस्लिम महिला ‘डोला’ के नाम से एक मंदिर बनवा दिया।
डोला माता मंदिर में डोला की कोई मूर्ति या तस्वीर नहीं है. यहां एक पत्थर का यंत्र है। उसी के ऊपर साड़ी डालकर उसकी पूजा की जाती है. कहते हैं यहां आने वाले लोगों की हर मनोकामना पूरी होती है।
गांव के लोगों का मुस्लिम महिला पर पूरा भरोसा है और उनका मानना है कि डोला अब भी हमारे साथ है। गांव की रक्षा करती है. साथ हीं गांव के लोगों के दुख – दर्द को भी दूर करती है।
यह मंदिर डोला माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि 7,000 की संख्या वाले इस गांव के 1,500 लोग अमेरिका के नागरिक हैं। कहते हैं सुनीता विलियम्स जब अंतरिक्ष की यात्रा पर गई थी तो उनकी सुरक्षा के लिए लोगों ने इस मंदिर में अखंड ज्योत जलाया था, जो लगातार 4 महीने तक जलती रही थी।
आस्था का प्रतीक बन चुकी मुस्लिम महिला का यह डोला माता मंदिर, धर्म के नाम पर लड़ने वाले लोगों के लिए मिसाल पेश करती है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal