अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में 12 दिसंबर 2019 को भड़काऊ भाषण देने के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ. कफील को यूपी एसटीएफ ने बुधवार देर रात मुंबई से गिरफ्तार कर लिया।

उसके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइन थाने में स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें उन पर सीएए विरोध के दौरान भड़काऊ भाषण और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया है।
एसटीएफ के अनुसार 12 दिसंबर 2019 की शाम 6.30 बजे डॉ. कफील और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष डॉ. योगेंद्र यादव ने एएमयू में लगभग 600 छात्रों की भीड़ को संबोधित किया था।
इस दौरान डॉ. कफील ने अपने भाषण में मुस्लिम छात्रों को उनकी धार्मिक भावना को भड़काने और दूसरे समुदाय के प्रति घृणा, वैमनस्य पैदा करने का प्रयास किया था। उन्होंने अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह पर भी टिप्पणी की थी। उनके भाषण को स्थानीय पुलिस ने रिकार्ड भी किया था।
गोरखपुर के सोशल एक्टिविस्ट डॉ. कफील खान ने कहा कि अलीगढ़ में नागरिकता बिल को लेकर कहा था कि इस बिल से घबराने की जरूरत नहीं है। इस बिल को हमें डराने के लिए मोहरा बनाया जा रहा है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। आप लोग अपने सभी दस्तावेज पूरे रखें। यह देश हमारा है और हमारा रहेगा। जो हम चाहेंगे वही होगा।
अमित शाह जो बिल लाए हैं, वह असंवैधानिक हैं। इन्होंने बाबा साहेब के संविधान को माना ही नहीं। इनका देश को बांटने का इरादा है। आप छात्रों को ही इस जंग की मशाल उठानी होगी।
डॉ. कफील ने कहा कि यह नागरिकता बिल इसलिए लाया गया है क्योंकि एनआरसी में 19 लाख लोग छूट गए। उनको अंदर करने के लिए यह लाया गया। उन्होंने कहा कि हमारा सारा विपक्ष साफ्ट हिंदूइज्म में छिप गया है हमें ही पहल करनी होगी। इस अवसर पर सैकड़ों छात्र छात्राएं मौजूद थे।
एएमयू के छात्रों को समर्थन देने पहुंचे डाक्टर कफील ने कहा कि उन्हें यहां नहीं आने के लिए अलीगढ़ के पुलिस प्रशासन और एएमयू प्रशासन ने धमकी भरे अंदाज में चेतावनी दी। लेकिन उन्होंने इसे नकार दिया।
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