Income tax department कस्टम-सेंट्रल एक्साइज विभाग ने जीएसटी अधिनियम में संशोधन होते ही मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में सैकड़ों दागी कारोबारियों के रजिस्ट्रेशन ब्लॉक कर दिए हैं। दोनों राज्यों में बड़ी संख्या में ऐसे कारोबारियों के नाम सामने आए हैं जिन्होंने फर्जी कंपनियों और बिल लगाकर करोड़ों रुपए का क्रेडिट इनपुट हड़प लिया। विभाग अब इनसे जुर्माने के साथ पूरी राशि वसूल करने में जुट गया है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि मप्र-छग सहित देश के कई राज्यों में जीएसटी लागू होने के बाद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कारोबारियों ने सरकार से करोड़ों रुपए का क्रेडिट इनपुट हड़प लिया। विभाग की खुफिया विंग डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलीजेंस (डीजीजीएसटीआई),जीएसटी एवं रिवेन्यू इंटेलीजेंस ने फर्जी निर्यात एवं क्रेडिट इनपुट के नाम पर सरकार से भारी-भरकम राशि हड़पने के कई मामलों का खुलासा किया है।
हाल ही में जीएसटी एक्ट में संशोधन कर धारा 86 शुरू की गई है, इसके तहत मप्र-छग में पहली कड़ी कार्रवाई कर करीब सवा तीन सौ कारोबारियों के जीएसटी रजिस्ट्रेशन ब्लॉक कर उनका कारोबार ही ठप कर दिया।
कार्यालय के बजाए मैदान में रहें
इस चौंकाने वाले मामले के बाद विभाग ने अपने सभी अधिकारियों और एंटी इवेजन विंग को कार्यालय के बजाए ज्यादा समय मैदान में देने के निर्देश दिए हैं। विभाग की खुफिया विंग को भी संदिग्ध मामलों की खोजबीन में सक्रिय किया गया है।
हाल ही में जीएसटी एवं डीजीजीएसटीआई की मप्र यूनिट ने कई राज्यों में क्रेडिट इनपुट के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा कर 40 करोड़ रुपए की चपत लगाने के मामले का खुलासा किया। इसमें मप्र, छग और दिल्ली सहित कई राज्यों के लोग शामिल पाए गए। इन्होंने फर्जी फर्मे बनाकर और बोगस बिल के जरिए करोड़ों रुपए का खेल किया। इस गोरखधंधे में कमीशन के नाम पर यह खेल चल रहा था।
करेंगे सख्त कार्रवाई: चीफ कमिश्नर
मप्र-छग में कस्टम-सेंट्रल एक्साइज व जीएसटी के चीफ कमिश्नर विनोद कुमार सक्सेना ने ‘नईदुनिया” को बताया कि फर्जी तौर पर इनपुट क्रेडिट लेने वाले कारोबारियों के जीएसटीएन ब्लॉक किए गए हैं। दोनों राज्यों में ऐसे लोगों की संख्या करीब सवा तीन सौ है। प्रारंभिक तौर पर सात करोड़ रुपए की वसूली के लिए शोकॉज नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन ब्लॉक होने के बाद कारोबारी की खरीद-फरोख्त के काम पर रोक लग जाती है। जिन लोगों ने बिना कारोबार किए सरकार का पैसा ले लिया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।