माघ मेला के प्रमुख स्नान पर्व पर भोर में लाखों भक्तों ने संगम मे पुण्य की डुबकी लगाई। स्नान के बाद पूजन और दान किया। लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए अभी भी संगम की ओर जा रहे हैं।
माघ मेला के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को संगम पर आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा। भोर से ही त्रिवेणी तट पर आस्था और आनंद का अलौकिक संगम दिखा।
लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई। मेला प्रशासन ने दावा किया कि सुबह 12 बजे तक लगभग 65 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। शुक्रवार भोर में पुण्यकाल से ही स्नानार्थी डुबकी लगाने लगे थे। मेलाधिकारी रजनीश मिश्र ने बताया कि सुरक्षा के तगड़े प्रबंध किए गए हैं।
पूरे मेला क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। मेलार्थियों की सुविधा के लिए रेलवे 30 मेला स्पेशल ट्रेनें तथा रोडवेज 2800 अतिरिक्त बसें चला रहा है। दोपहर में श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। यह देखकर श्रद्धालु काफी आहलादित दिखे।
भोर में पुण्यकाल शुरू होते ही घंटा घडियाल और शंखनाद के बाद मौन डुबकी का सिलसिला शुरु हुआ। प्रशासन का दावा है कि सुबह आठ बजे तक लगभग 40 लाख श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं।
यह सिलसिला देरशाम तक जारी रहेगा। श्रद्धालुओं के जलसैलाब को देखते हुए पुलिस और प्रशासन समेत अन्य विभाग भी अलर्ट पर हैं। ताकि स्नान के लिए आने वाले किसी भक्त को किसी तरह की दिक्कत न हो। श्रद्धालु गहरे पानी में न जाने पाएं। इसके लिए घाटों पर डीप वाटर बैरीकेडिंग की गई है।
साथ ही जल पुलिस के साथ गोताखोर भी घाटों पर मुस्तैद हैं। पुलिस कर्मी श्रद्धालुओं से स्नान के बाद अनावश्यक घाट पर नहीं रुकने के लिए कह रहे हैं। इसके अलावा आसपास के घाटों पर भी बडी संख्या में श्रद्धालु गंगा और यमुना में स्नान कर रहे हैं।
मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के लिए माघ मेले में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला दो दिन पहले ही शुरु हो गया था। लेकिन गुरुवार दोपहर तक माघ मेला आने वाले हर मार्ग पर स्नानार्थी ही नजर आ रहे थे। साधु संतों और पंडों के शिविर भर चुके थे। इसके बाद भी लोगों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
भोर में पुण्यकाल शुरू होते ही घंटा घडियाल और शंखनाद के बाद मौन डुबकी का सिलसिला शुरु हुआ। प्रशासन का दावा है कि सुबह आठ बजे तक लगभग 40 लाख श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं।
यह सिलसिला देरशाम तक जारी रहेगा। श्रद्धालुओं के जलसैलाब को देखते हुए पुलिस और प्रशासन समेत अन्य विभाग भी अलर्ट पर हैं। ताकि स्नान के लिए आने वाले किसी भक्त को किसी तरह की दिक्कत न हो। श्रद्धालु गहरे पानी में न जाने पाएं। इसके लिए घाटों पर डीप वाटर बैरीकेडिंग की गई है।
साथ ही जल पुलिस के साथ गोताखोर भी घाटों पर मुस्तैद हैं। पुलिस कर्मी श्रद्धालुओं से स्नान के बाद अनावश्यक घाट पर नहीं रुकने के लिए कह रहे हैं। इसके अलावा आसपास के घाटों पर भी बडी संख्या में श्रद्धालु गंगा और यमुना में स्नान कर रहे हैं।
मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के लिए माघ मेले में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला दो दिन पहले ही शुरु हो गया था। लेकिन गुरुवार दोपहर तक माघ मेला आने वाले हर मार्ग पर स्नानार्थी ही नजर आ रहे थे। साधु संतों और पंडों के शिविर भर चुके थे। इसके बाद भी लोगों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।