31 दिसंबर की सुबह हिंदुस्तान के लिए बुरी खबर लेकर आई है। भारत की राजनीति का एक सितारा आज अलविदा कह गया
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता एकनाथ राव उर्फ ‘बालासाहेब’ विखे पाटिल का शुक्रवार शाम में लंबी बीमारी के बाद महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में लोनी गांव स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। उनके परिवार ने बताया कि वह 84 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है।
मोदी ने ट्वीट किया है कि श्री बालासाहेब विखे पाटिल के निधन से दुखी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। राधाकृष्ण विखे पाटिल के पूरे परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
उन्होंने लिखा है कि विखे पाटिल एक जन नेता थे। कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा और सहकारिता के क्षेत्र में उनके कार्य को हमेशा याद रखा जाएगा।
जिलाधिकारी अनिल कावडे ने बताया कि पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ लोनी में दिग्गज नेता का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अपनी बीमारी के कारण विखे पाटिल पिछले कुछ वर्षों से सार्वजनिक जीवन से दूर थे। उनके पुत्र राधाकृष्ण विखे पाटिल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं और इस समय राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।
अपने राजनीतिक जीवन में अधिकांश समय कांग्रेस में रहने वाले बालासाहेब 1998 में शिवसेना के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे और राजग सरकार में वित्त राज्यमंत्री रहे थे। बाद में उन्हें भारी उद्योग मंत्री बनाया गया था। वह 2004 में कांग्रेस में लौट आए थे। उनके पिता विट्ठलराव विखे-पाटिल ने लोनी में एशिया का पहला सहकारी चीनी मिल स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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