NOTE BAN के बाद मार्केट में तरह-तरह के अफवाह फैलाए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि 50-100 के नोट भी बंद होने वाले हैं तो कोई कह रहा है कि सरकार 2000 के नोटों को वापस दोबारा छापेगी।
आइए जानते हैं कुछ अफवाह और उनकी सच्चाई
अफवाह: 2000 के नोट की कलर फोटो काॅपी सर्कूलेट होने की बात की जा रही है जिसे अभी देखा नहीं गया है
सच्चाई- 2000 के नोट को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया में विज्ञापन जारी किया गया है। 2000 के नोट की डिजाइन RBI और वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अफवाह:काॅपरेटिव (राज्य सहकारी) बैंक कालेधन को सफेद कर रहे हैं
सच्चाई-राज्य सहकारी बैंक और शहरी सहकारी बैंक की निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया कर रहा है। उनको पूराने नोटों की लेन-देन का अधिकार दिया गया है। इन बैंकों द्वारा कोई भी गड़बड़ी की जाती है तो उसकी जांच की जाएगी और उसके सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।