धनवान बनने के लिए धन कमाना जितना जरूरी है उतना ही धन बचाना भी आवश्यक है। लेकिन कई बार आप चाहते भी हैं तब भी धन बचाकर नहीं रख पाते हैं, आकस्मिक खर्च आकर बजट बिगाड़ जाते हैं। वास्तुशास्त्र में कुछ सामान्य उपाय बताए गये हैं जिन्हें आजमाने से आकस्मिक खर्चों में कमी आती है और बचत बढ़ने लगता है।
# धन में वृद्धि और बचत के लिए तिजोड़ी अथवा आलमारी जिसमें धन रखते हों उसे दक्षिण की दिवार से सटा कर इस प्रकार रखें कि, इसका मुंह उत्तर दिशा की ओर रहे। पूर्व की दिशा की ओर आलमारी का मुंह होने पर भी धन में वृद्धि होती है लेकिन उत्तर दिशा उत्तम मानी गयी है।
# नल से पानी का टपकते रहना वास्तुशास्त्र में आर्थिक नुकसान का बड़ा कारण माना गया है, जिसे बहुत से लोग अनदेखा कर जाते हैं। वास्तु के नियम के अनुसार नल से पानी का टपकते रहना धीरे-धीरे धन के खर्च होने का संकेत होता है। इसलिए नल में खराबी आ जाने पर तुरंत बदल देना चाहिए।
# शयनकक्ष में कमरे के प्रवेश द्वार के सामने वाली दीवार के बाएं कोने पर धातु की कोई चीज लटकाकर रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार यह स्थान भाग्य और संपत्ति का क्षेत्र होता है। इस दिशा में दिवार में दरारें हों तो उसकी मरम्मत करवा दें। इस दिशा का कटा होना भी आर्थिक नुकसान का कारण होता है।
# घर में टूटे-फूटे बर्तन एवं कबाड़ को जमा करके रखने से घर में नकारात्मक उर्जा का संचार होता है। टूटा हुआ बेड एवं पलंग भी घर में नहीं रखना चाहिए इससे आर्थिक लाभ में कमी आती है और खर्च बढ़ता है। बहुत से लोग घर की छत पर अथवा सीढ़ी के नीचे कबाड़ जमा करके रखते हैं जो धन वृद्धि में बाधक होता है।
# बहुत से लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं कि उनके घर का पानी किस दिशा में निकल रहा है। वास्तु विज्ञान के अनुसार जल की निकासी कई चीजों को प्रभावित करती है। जिनके घर में जल की निकासी दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा में होती है उन्हें आर्थिक समस्याओं के साथ अन्य कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उत्तर दिशा एवं पूर्व दिशा में जल की निकासी आर्थिक दृष्टि से शुभ माना गया है।