अयोध्या मामले पर 9 नवंबर को सुप्रीमकोर्ट द्वारा सुनाये गए एतिहासिक फैसले में एक नया मोड़ आ गया है। बता दें कि इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्षकारों ने शनिवार को रिव्यू पिटिशन दाखिल करने का फैसला लिया। यह फैसला लखनऊ स्थित इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम नदवातुल उलेमा (नदवा कॉलेज) में हुई बैठक में लिया गया।
लखनऊ में नदवा के बजाए मुमताज कॉलेज में शुरू हुई मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक.इसमें मौलाना महमूद मदनी, अरशद मदनी,अस्सुद्दीन ओवैसी ,जफरयाब जिलानी समेत तमाम सदस्य मौजूद हैं। हालांकि बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी अभी नहीं आये हैं।
बताया जा रहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधयक्ष राबे हसन अयोध्या मामले में बयानबाज़ी से नाराज़ हैं। इसीलिए नदवा कॉलेज में आज मीटिंग नहीं हो पाई। उनका रूख ओवैसी से अलग बताया जा रहा है।
यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने इस बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संस्था देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर AIMPLB को मीटिंग करनी ही थी तो हैदराबाद या दिल्ली में कर लेते। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला मुस्लिम समाज मंजूर कर चुका है तो उत्तर प्रदेश में इस मीटिंग को करने का क्या औचित्य है। मोहसिन रजा ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड माहौल खराब करना चाहता है।