इस भौतिकवादी युग में टेंशन होना स्वाभाविक है, वो भी खासकर छात्रों में अच्छे अंकों और अपने कॅरियर को लेकर भारी चिंता होती है|जिससे अक्सर वे आत्मघाती कदम लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं। यही वजह है कि टेंशन दूर भगाने के लिए तमाम शैक्षणिक संस्थाएं अलग अलग उपाय भी आजमाती हैं।

नीदरलैंड्स के निजमेजेन शहर की राडबाउड यूनिवर्सिटी छात्रों से टेंशन दूर भगाने के लिए ऐसा उपाय आजमा रही है जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यह किसी शोध से निकला फंड नहीं बल्कि छात्रों के एहसास से लोकप्रिय हुआ नया तरीका है। इस थेरेपी के बारे में जो भी सुन रहा है, बिना चकित हुए नहीं रह पा रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन इस असामान्य तरीके के वजह वह अपने छात्रों को कब्र में लिटाकर प्राणायाम करवाता है। इससे परीक्षा संबंधी तनाव दूर होने के दावे किए जा रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय का यह कार्यक्रम काफी लोकप्रिय हो चुका है।यहां का ह्योवोम हीलिंग सेंटर यह सेवा उपलब्ध करा रहा है जिसका उद्देश्य लोगों को मौत का अनुभव प्रदान करना है। यही नहीं इस तरीके से टेंशन दूर भगाने के इच्छुक छात्रों की वेटिंग लिस्ट भी काफी लंबी हो चुकी है। कब्र में प्राणायाम और योग के लिए कंबल और चटाई की व्यवस्था की गई है| इसे तीस मिनट से तीन घंटे के लिए बुक किया जाता है।
दक्षिण कोरिया में भी इसी से मिलता जुलता एक प्रचलन चल निकला है। यहां लोग जीवित रहते हुए कब्र में लेट रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, इसके पीछे एक मात्र मकसद यही है कि लोग कब्र में लेटकर मौत को महसूस कर पाए और जीवन क्या है इसे समझें? अंतिम संस्कार में भाग लेने वाले 75 वर्षीय चाओ जी-ही ने बताया कि एक बार जब आप मौत को महसूस करेंगे तो उसके बाद आपका जीवन के प्रति नजरिया ही बदल जाता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal