सूरजपुर जिले के बिहारपुर क्षेत्र में हाथी के हमले से शिक्षक की मौत हो गई। दो दिन के भीतर हाथी के हमले से दो लोगों की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है। सिलसिलेवार हो रही घटनाओं के बावजूद वन विभाग की ओर से हाथियों से जानमाल की सुरक्षा को लेकर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
घटना के बाद मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों, कर्मचारियों के समक्ष ग्रामीणों ने जमकर आक्रोश जताया। ग्रामीणों द्वारा उठाए गए सवाल का अधिकारी जवाब भी नहीं दे सके। सूरजपुर जिले के बिहारपुर क्षेत्र के ग्राम पासल में हाथियों के आ जाने की सूचना पर शाम लगभग 6:30 बजे माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक विश्वनाथ तिवारी पिता चंद्रिका तिवारी 50 वर्ष के साथ गांव के 25-30 लोग हाथों में टॉर्च लेकर हाथियों की वास्तविक मौजूदगी वाले स्थल का पता करने निकले थे।
बताया जा रहा है कि हाथियों का एक दल धान के खेत में मौजूद था लगभग 17 हाथी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे। ग्रामीणों को इस बात का आभास नहीं था कि दल का एक हाथी अलग होकर झाड़ियों के बीच छिपा हुआ है। उसकी मौजूदगी का पता चलते ही लोग जान बचाकर भाग निकले। वापस लौटने के बाद उन्हें पता चला कि शिक्षक विश्वनाथ तिवारी वापस नहीं लौटे हैं।
शिक्षक ने अपने पास मोबाइल रखा था जब लोगों ने उनसे संपर्क करना चाहा तो मोबाइल की घंटी तो बज रही थी लेकिन कोई फोन रिसीव नहीं कर रहा था, इससे गांव वालों को अनहोनी का शक हो गया। देर रात जब मौके पर पहुंचे तो शिक्षक का क्षत-विक्षत शव इधर-उधर बिखरा पड़ा था। हाथी ने बुरी तरह से कुचल शिक्षक को मार डाला था। शव के कई टुकड़े हो गए थे। सुबह घटना की खबर समूचे इलाके में फैल गए। बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर मौजूद हो गए। सूचना पर एसडीओ फॉरेस्ट के साथ वन कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने सिलसिलेवार हो रही घटनाओं के बावजूद वन विभाग द्वारा कोई पहल नहीं किए जाने पर जमकर नाराजगी जताई।
ग्रामीणों ने कहा कि घरेलू उपयोग के लिए जब वे जलाऊ लकड़ी लेकर आते हैं तो वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी कार्रवाई के लिए तत्पर रहते हैं, लेकिन पिछले कई दिनों से हाथियों ने लोगों का सुख चैन छीन लिया है, लेकिन अभी तक वन विभाग की ओर से हाथियों से हो रहे नुकसान को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्र में ना तो निगरानी की जा रही है और ना ही हाथियों के लोकेशन के संबंध में ही ग्रामीणों को जानकारी दी जा रही है, ताकि वे सुरक्षित स्थानों पर जा सकें।
ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर वन अधिकारी और कर्मचारी भी निरुत्तर नजर आए। बताया जा रहा है कि हाथियों का यह दल प्रतापपुर क्षेत्र से बिहारपुर इलाके में घुसा है। इस दल में प्यारे हाथी शामिल है जिसमें रेडियो कॉलर आईडी भी लगी हुई है। उसका लोकेशन भी मिलता है लेकिन वन अधिकारी कर्मचारी उस लोकेशन के आधार पर बचाव के लिए कोई उपाय नहीं कर रहे हैं।
इस दल के अलावा बिहारपुर क्षेत्र में हाथियों का दो अलग-अलग दल भी विचरण कर रहा है। हाथियों द्वारा फसलों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हाथियों के जिस दल ने मोहरसोप में ग्रामीण को कुचल मार डाला था उसी दल के हाथी ने पासल में शिक्षक को कुचल मार डाला है। सिलसिलेवार घटनाओं से ग्रामीण दहशत में हैं। दो दिन में हाथी ने दो लोगों की जान ली है।