छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में दंतैल हाथी के दहशत से ग्रामीण उबर नहीं पा रहे हैं। इस बीच लहंगर गांव में हाथी के प्रवेश कर जाने की सूचना पर गजराज वाहन लेकर पहुंचे गश्ती दल पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। वाहन को मशाल से जलाने का भी असफल प्रयास किया। घटना के सप्ताहभर बाद तुमगांव पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, गालीगलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के लिए भादवि की धारा 186,294,323,506,34 के तहत अपराध पंजीबद्घ किया है। तीन ग्रामीणों को इस वारदात के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

पुलिस के अनुसार घटना 29 अक्टूबर की रात नौ बजे की है। वनपाल की लिखित रिपोर्ट की जांच के बाद बुधवार को देर शाम अपराध पंजीबद्घ किया गया। रिपोर्ट में वनपाल सिरील कुमार सिदक (61) ने बताया है कि वे इमलीभाठा महासमुंद में रहते हैं। 29 अक्टूबर 2019 को अपने साथी स्टाफ भृत्य ललित सेन, वनरक्षक नंदलाल बरिहा, वन चौकीदार बसंत यादव और वाहन चालक दुलेश्वर साहू के साथ हाथी विचरण क्षेत्र में गश्त करने गए थे। सभी वर्दी में थे।
तुमगांव, मालीडीह, गुरूडीह, लहंगर क्षेत्र में हाथी के विचरण पर नजर रखे हुए थे। ग्रामीणों को अलर्ट कर रहे थे। इस बीच पास के गांव कुकुराडीह से सूचना मिली कि गांव के पास हाथी पहुंचकर चिंघाड़ रहे हैं। रात करीब सवा सात बजे वहां पहुंचे। इस बीच रात सवा आठ बजे सूचना मिली कि ग्राम लहंगर में हाथी आबादी क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। इस बीच रात नौ बजे टीम ग्राम लहंगर पहुंची। जहां मातर का कार्यक्रम चल रहा था।
गांव में 150 से 200 महिला-पुरूष एक जगह पर जुटे हुए थे। गश्त करते हुए लहंगर गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने गजराज गश्त वाहन को चारों तरफ से घेर लिया। हाथी को गांव वालों के द्वारा खदेड़ लेने के बाद आ रहे हैं कहकर गाली गलौज की।
इस बीच प्रहलाद यादव, परमानंद यादव और राकेश सिंह ध्रुव ने मारपीट किया और गश्त वाहन से नीचे जमीन पर गिरा दिया। जिससे वनपाल का चश्मा टूट गया और सभी ने एकराय होकर जान से मारने की धमकी भी दी। साथ ही अपने हाथों में रखे मशाल से शासकीय वाहन को जलाने का प्रयास भी करने लगे। जिसे ग्रामीणों के हस्ताक्षेप से वहां से वाहन लेकर गश्त दल लौटा। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पर जांच उपरांत अपराध पंजीबद्घ किया गया।
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