दिल्ली के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. इसके बावजूद नेता सांसों में सियासत का जहर घोल रहे हैं. हर पार्टी एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रही है. पॉल्यूशन का सॉल्यूशन करने को लेकर कोई गंभीर नहीं दिख रहा. ऑड-ईवन लागू होने के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी भी जारी है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा भी इस बहस में कूद चूके हैं. उन्होंने कहा है कि ऑड-ईवन में वीआईपी लोगों को छूट क्यों दी जा रही है. नियम सबके लिए बराबर होना चाहिए. रॉबर्ट वाड्रा ने मंगलवार को कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि नियमित यात्रियों को परेशान करने का यह फार्मूला, सड़कों पर यातायात की भीड़ को कम करने के बजाय शहर में प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने में मदद करेगा.
रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर लिखा, इस योजना को लेकर मेरा सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि, सभी वीआईपी वाहनों को ऑड-ईवन से रियायत क्यों दी गई है! लोग सांसदों को चुनते हैं और चूंकि बड़े ओहदों पर बैठे लोग नियम-कानून बनाते हैं, इसलिए उन्हें छूट दी जा रही है, मेरा साफ मानना है कि यह पाखंड है.
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि हम सभी को नियम-कायदों का उन बच्चों और महिलाओं के लिए पालन करना चाहिए जो ड्राइव नहीं कर सकते हैं. उन नागरिकों के लिए कानून का पालन करना चाहिए जिन्हें विशिष्ट लोगों की वजह से अपना रूट बदलना पड़ता है. उनके लिए नियमों को मानना चाहिए जिन्हें नियमित तौर पर यातायात के वैकल्पिक साधन उपलब्ध नहीं हैं.
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