सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के एक फैसले को खारिज करते हुए अपने एक आदेश में कहा है कि भारतीय संविधान के दायरे से बाहर जम्मू कश्मीर को कोई भी शक्तियां नहीं दी जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज कर दिया गया जिसमें कश्मीर को संप्रभु राज्य बताया गया था।
याचिका पर सुनवाई के बाद दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार ही जम्मू कश्मीर को कोई छूट दी गई है। जम्मू कश्मीर के लोग पहले भारत के नागरिक हैं इसलिए ये कहना गलत होगा कि कश्मीर के नागरिक शेष देश के राज्यों के नागरिकों से अलग हैं ।
नहीं है दोहरी नागरिकता का प्रावधान: सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि ये परेशान करने वाला है कि जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कश्मीर को एक संप्रभु राज्य बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कश्मीर के लोग पहले भारत के नागरिक हैं।
फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संंविधान की धारा 3 के तहत भारत संघ राज्यों का एक समूह है और जम्मू कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुनिया के कई अन्य देशों के संविधान में दोहरी नागरिकता का प्रावधान है लेकिन भारत संघ में ऐसा नहीं है।
गौरतलब है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कर्ज प्राप्ति के लिए कश्मीर की किसी भी संपत्ति को बेच नहीं सकता।
फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संंविधान की धारा 3 के तहत भारत संघ राज्यों का एक समूह है और जम्मू कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुनिया के कई अन्य देशों के संविधान में दोहरी नागरिकता का प्रावधान है लेकिन भारत संघ में ऐसा नहीं है।
गौरतलब है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कर्ज प्राप्ति के लिए कश्मीर की किसी भी संपत्ति को बेच नहीं सकता।