घरेलू और किसानों की बिजली महंगी करने के साथ ही कंपनी छूट का ऑफर भी ला रही है। ऑनलाइन बिल जमा करने पर कुल बिल पर 5 रुपए की छूट देने का प्रस्ताव है। ये कंपनी का एक तरह से कैशलेस प्रमोशन है। बिजली कंपनी के प्रस्तावित टैरिफ पर अमल हुआ तो किसान और घरेलू उपभोक्ता के सबसे ज्यादा बिजली के दाम बढ़ेंगे। इतना ही नहीं महीने में 30 यूनिट बिजली खपत वाले गरीबों की बिजली के दाम भी 10 पैसे प्रति यूनिट बढ़ जाएंगे।
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने हाल ही में 2017-18 के लिए प्रस्तावित टैरिफ को मप्र विद्युत नियामक के पास मंजूरी के लिए भेजा गया। कंपनी ने घरेलू उपभोक्ता के लिए औसत 10.6 फीसदी और सिंचाई के लिए किसानों को दी जाने वाली बिजली 11.5 फीसदी महंगी करना चाहती है।
हर महीने 4 करोड़ की देंगे छूट
प्रदेश के घरेलू और निम्नदाब उपभोक्ता को बिजली कंपनी ऑफर दे रही है। इसमें ऑनलाइन बिल जमा किया तो 5 रुपए की छूट होगी। मान लीजिए 105 रुपए का मासिक बिल है। ऑनलाइन जमा करने पर 100 रुपए ही बिल जमा करना होगा। घरेलू, किराना दुकानदार, आटा-चक्की छोटे-मोटे दुकानदारों को लाभ मिलेगा। प्रदेश में करीब 89 लाख उपभोक्ता घरेलू कनेक्शनधारी है। इस हिसाब से यदि शत प्रतिशत उपभोक्ता बिल ऑनलाइन जमा करेंगे तो कंपनी को करीब 4 करोड़ 45 लाख की छूट देनी पड़ेगी।
गरीबों पर भी नजर
30 यूनिट तक मासिक बिजली खपत वाले उपभोक्ता के लिए अभी कंपनी 2.90 पैसे प्रति यूनिट दाम तय किए थे। कंपनी ऐसे उपभोक्ता की बिजली भी 10 पैसे प्रति यूनिट महंगी करना चाहती है। इनके दाम 3 रुपए प्रति यूनिट हो जाएंगे।
इंडस्ट्री – 440 वॉट वाले एलटी कनेक्शनधारी उपभोक्ता। 7 फीसदी महंगी।
एग्रीकल्चर – सिंचाई के लिए कनेक्शन में बिजली के दाम 11.5 फीसदी महंगा।
उच्च दाब – बड़े उद्योग के लिए बिजली 9.5 फीसदी महंगी।
दाम अभी फिक्स नहीं
बिजली कंपनी ने यह प्रस्ताव मप्र विद्युत नियामक आयोग में भेजा है। आयोग इस प्रस्ताव पर प्रदेशभर से दावे-आपत्ति मांगेगी। इंदौर-भोपाल-जबलपुर में जनुसनवाई की तारीख तय होगी। इसके बाद आयोग फाइनल टैरिफ जारी करेगा। 1 अप्रैल 2017 से बिजली की नई दर प्रभावी होगी।
9 दिसंबर को विद्युत निमायक आयोग के पास 2017-18 के लिए टैरिफ प्लान मंजूरी के लिए भेज दिया है। अगला निर्णय आयोग ही करेगा। -एस के मेश्राम, सीजीएम (टैरिफ), मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी