मुख्य कोच के चयन के बाद टीम के अन्य स्टाफ का भी चयन हो गया। कयास के अनुरूप बल्लेबाजी कोच बदल दिया गया । संजय बांगड़ को हटाकर विक्रम राठौर को टीम का नया बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया। इंटरव्यू के दौरान बांगड़ सवालों का जवाब नहीं दे पाए थे। इसलिए अटकलें थी की उनका जाना तय है। जबकि गेंदबाजी और फील्डिंग कोच में कोई बदलाव नहीं किया गया। इस दोंनो पोस्ट पर भरत अरुण और आर श्रीधर को उनके पद पर बने रहने दिया गया। एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति ने सपोर्ट स्टाफ के इन तीनों पदों के लिए तीन-तीन नामों की सिफारिश की थी और तीनों वर्गो में शीर्ष पर रहने वाले को हितों के टकराव की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उनके पदों पर नियुक्त कर दिया जाएगा। 50 वर्ष के राठौर ने 1996 में भारत के लिए छह टेस्ट मैच और सात वनडे मैच खेले थे, लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। लेकिन, पंजाब की ओर से घरेलू क्रिकेट में वह काफी सफल रहे। राठौर कुछ वर्ष पहले (2016) तक संदीप पाटिल की अगुआई वाली सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्य थे। बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी ने बताया, ‘विक्रम राठौर के पास पर्याप्त अनुभव है और हमें उनके कौशल पर भरोसा है। अगर उनके साथ कोई हितों का टकराव है तो हम उन्हें उसे घोषित करने को कहेंगे।’ चयन समिति की सिफारिशों के मुताबिक, मौजूदा बल्लेबाजी कोच संजय बांगर दूसरे और इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज मार्क रामप्रकाश तीसरे स्थान पर रहे। जौहरी ने कहा, ‘टीम प्रबंध का अपना नजरिया था, मगर इससे आगे बढ़ते हुए हमें लगा कि सपोर्ट स्टाफ में कुछ नए चेहरों की जरूरत है।’