नई दिल्ली साउदी अरब के दौरे पर गईं जर्मनी की रक्षा मंत्री ने हिजाब पहनने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कपड़े पहनने में महिलाओं को भी वही अधिकार हैं जो पुरुषों को हैं।
जर्मनी की रक्षा मंत्री उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने साऊदी अरब की राजधानी रियाद में यहां के राजा सलमान से मुलाकात की। यहां उन्होंने महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाई। बता दें कि यह एक रुढ़ीवादी राज्य है जिसके चलते यहां के लोग लेयेन की इस पहल से गुस्सा भी हुए। इसी के तहत अगर इस देश में महिलाएं परदे में नहीं रहें तो उन्हें गिरफ्तारी के आदेश दे दिए जाते हैं।
जब वह साउदी अरब पहुंची तो लेयेन ने सूट पहना हुआ था। उन्हें साऊदी के रक्षा मंत्री मोहम्मद बिन सलमान लेने पहुंचे। जिसके बाद यहां के चर्चित दिवान पेलेस लाया गया। इस दौरान जब उन्हें हिजाब पहनने के लिए कहा गया तो वह चिढ़ गईं। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उन्हें यहां के ट्रेडिशनल कपड़े पहनने के लिए कहा जाएगा।
अपनी पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने कई जोड़ी कपड़े बदले। कभी वह डर्क ब्लू सूट तो कभी ग्रे कलर के कपड़ों में दिखाई दीं। इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया में कई सवाल भी पूछे कि ये यहां के ट्रेडिशनल कपड़े नहीं पहन रही हैं तो इन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है। लोगों ने पूछा ये दोहरा रैवया क्यों अपनाया जा रहा है।
एक अन्य यूजर ने पूछा कि जर्मन की विदेश मंत्री जानबूझकर साउदी अरब के कपड़े (हिजाब) नहीं पहन रही हैं। यह तो यहां की बेजज्ती कर रही हैं। हालांकि इस पर मंत्री ने कहा कि यह हमारी च्वाइस है कि हम क्या पहने, महिलाओं और पुरुषों को बराबर का अधिकार है।
इसके बाद सोसल मीडिया सहित साऊदी अरब के मडिया में ये मामला चर्चा में रहा। साथ ही यहां के प्रशासन की जमकर खिचाई भी की। सवाल किए गए कि जब यहां कि महिलाओं को सिर सहित पूरे शरीर पर कपड़े पहनने होते हैं तो फिर ये मंत्री बिना हिजाब या सिर पर कुछ भी न पहन कैसे घूम सकती है। इस पर लियेन ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा यहां आए थे तो उन्होंने भी हिजाब नहीं पहना था। हालांकि तब भी लोगों ने उनकी आलोचना की थी।
लेकिन जब 2013 में यहां के प्रिंस खालिद बिन बंदर एल साउद थे। उन्होंने कहा कि विदेशी रोयल फैमिली पर यह नियम लागू नहीं होता है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्कल ने देश में बुर्का बैन किया है। उन्होंने कहा था कि यह जरूरी नहीं कि शरीर ढकने के लिए बुर्का ही पहना जाए।
वहीं इससे पहले साउदी अरब में एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया था। महिला बिना बुर्के के शहर में घूमने निकली थी इसके बाद सोशल मीडिया में भी महिला की तस्वीर काफी वायरल हुई थी। इसके बाद लोगों के काफी सवाल किे थे कुछ ने महिला पर हुई कार्रवाई को सही ठहराया तो किसी ने इस गलत करार दिया। किसी ने इसे इस्लाम के विरुद्ध बताया तो वहीं किसी ने इसे महिलाओं पर अत्याचार की बात कही थी।