केंद्र सरकार द्वारा अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द कश्मीर छोड़ने का सुरक्षा एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद अब जब कश्मीर के दो मुख्य राजनीतिक दल इस पर साथ आ गये हैं। दोनों मुख्य दल नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है।
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘‘ ऐसा जान पड़ता है कि यह अप्रत्याशित आदेश अमरनाथ जी यात्रियों और/या पर्यटकों पर बड़े आतंकवादी हमले के वास्तविक भय को दर्शाता है। घाटी में डर का जो माहौल है, उसमें इससे कोई कमी नहीं आने वाली है।’’ उनकी यह टिप्पणी तब आयी है जब जम्मू कश्मीर प्रशासन ने तीर्थाटन और पर्यटन पर आतंकवादी हमले की खुफिया जानकारी के मद्देनजर अमरनाथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों को घाटी से जल्द लौट जाने की सलाह दी है।
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,‘‘क्या सही में? आप लोग क्या सोचते हैं कि एक सरकारी आदेश से पर्यटक घाटी से उल्टे पांव नहीं लौटना शुरू कर देंगे? इस आदेश को देखने के बाद कौन पर्यटक यहां घूमेगा। हवाई अड्डा और राजमार्ग घाटी छोड़ने वाले लोगों से भर जाएंगे।’’ पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने राज्य में ‘सैन्य ताकत’ और ‘मनोवैज्ञानिक युद्ध’ जैसी तकनीकी आजमायी है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘‘ पहले (जरूरी सामानों की) आपूर्ति का भंडार खड़ा करने के निजी आदेश आए और लोगों के मन में एक संदेश गया। अब इस तरह की खबरों से डर पैदा होगी। अब तक भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर के संबंध में सैन्य ताकत और मनोवैज्ञानिक युद्ध जैसी तकनीकी अपनायी है। कोई भी कारगर नहीं होगा।’’