दुनियाभर में हर इंसान जिसका विवाह नहीं हुआ रहता है वह अपने विवाह को लेकर चिंतित रहता है. ऐसे में विवाह रेखा कनिष्टका यानि सबसे छोटी ऊंगली के निचले हिस्से में आड़ी होती है. ऐसे में यह क्षेत्र बुध पर्वत कहलाता है और कई जातकों के हाथों में एक विवाह रेखा तो कइयों के हाथ में अनेक विवाह रेखाएं होती हैं. वहीं अगर बहुत सी विवाह रेखाएं हैं तो इनमें से जो सबसे गहरी एवं स्पष्ट होती है वही मान्य मानी जाती है लेकिन उसके आलावा बाकी छोटी-छोटी एवं अस्पष्ट रेखाएं संबंधों के बिछड़ने या टूटने का संकेत देती हैं और यह नहीं होनी चाहिए. वैसे तो आम तौर पर 20-22 साल के बाद ही विवाह करने की योजनाएं परिवारों में बनने लगती हैं लेकिन बेहतर भविष्य के लिये 25 से 28 साल तक भी सही समय ही माना जाता है.
जी हाँ, कहते हैं अगर इसके बाद विवाह हो तो फिर देर ही देर मानी जाती है. अगर आपके हाथ की रेखा में बृहस्पति पर्वत का झुकाव शनि की तरफ रहता है तो माना जाता है कि विवाह में देर होगी. यानी आपका विवाह 30 की उम्र के बाद ही होगा और 30 के बाद ही आपके विवाह का कोई योग है. वहीं इसके अलावा यदि हथेली में विवाह की रेखा नहीं है तो कभी यह ना समझे कि आपका विवाह बिल्कुल नहीं होगा, हां हो सकता है इसमें देरी हो लेकिन विवाह होगा.
इसी के साथ हथेली में एक से अधिक विवाह रेखाएं प्रेम-प्रसंग की संख्या की ओर इशारा करती हैं और इसी के साथ ही, यह रेखा यह भी बताती है कि आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा. कहा जाता है अगर विवाह रेखा हृदय रेखा की ओर बहुत अधिक झुकी हुई हों तो वैवाहिक जीवन में परेशानियों आती हैं.